
मुक्केबाज मैरी कॉम।
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महिलाओं को अपनी सोच में बदलाव करने की जरूरत है। शादी के बाद सिर्फ इससे न संतुष्ट हों कि पति कमाई कर रहा है तो उन्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है। इस सोच में बदलाव लाएं और आगे बढ़ने की कोशिश करें।
केजीएमयू के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में इंडियन ऑर्थोस्कोपी एसोसिएशन की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में पांच बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरीकॉम ने कुछ इस तरह महिलाओं का मनोबल बढ़ाया।
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कॉन्फ्रेंस के दौरान मैरीकॉम से पूछा गया कि शादी से पहले, इसके बाद और आखिर में बच्चे होने के बाद भी कैसे उन्होंने न सिर्फ अपना खेल जारी रखा, बल्कि विश्व चैंपियन भी बनीं?
इस पर उन्होंने कहा, सबसे अहम हमारी मानसिकता होती है। मेरा मकसद उन सभी की मानसिकता बदलना है, जो ठहर गए हैं, जिनमें कुछ करने का जज्बा समाप्त हो गया है, इन सबको प्रेरित करके एक मुकाम तक पहुंचाना चाहती हूं।
डॉक्टरों की वजह से कभी नहीं हुई डोपिंग की समस्या
मैरीकॉम ने कहा, भगवान तो भगवान ही हैं, पर डॉक्टरों को दूसरा भगवान कहना गलत नहीं है। उन्हीं की वजह से आज तक उन्हें डोपिंग संबंधी समस्या नहीं हुई। किसी भी खिलाड़ी या एथलीट के लिए डॉक्टर का रोल बेहद अहम होता है। साधारण सी चोट से कॅरिअर दांव पर लग जाता है। एक खिलाड़ी के लिए डॉक्टर बहुत जरूरी है।