नंद के आनंद भयो…जय कन्हैया लाल की…लल्ला के जन्म की सुन आई यशोदा मैया दे दो बधाई। लल्ला के आने की खुशी में सुबह से ही मथुरा और गोकुल में उल्लास बरसने लगा। श्रद्धालुओं का रोम-रोम रोमांचित हो उठा। गली-गली में शोर जन्मो छलिया नंद किशोर…,हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल आदि बधाई गीतों के स्वर नंदोत्सव के मौके पर मथुरा और गोकुल समेत ब्रज के अधिकांश क्षेत्रों में गूंजते रहे।
गोकुल में सर्वप्रथम नंद किला व नंद भवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं बलराम के बाल स्वरूप की आरती उतारी गई। इसके बाद नंद बाबा परिवार सहित गोकुल की विभिन्न गलियों से होकर नंद चौक के समीप बने रास चबूतरा पर पहुंचे। बाजार में गोकुल वासियों ने डोला पर पुष्प वर्षा की। गाय के दूध की दही में केसर व हल्दी मिलाकर श्रद्धालुओं पर छीछी छिड़की गई। उपहार में वस्त्र, खिलौने, पायल, बिंदी, बिछिया, साड़ी, फल, मेवा, मिठाई, पेड़ा आदि लुटाए गए। गोकुल नगर पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित ने बताया कि पूरे गोकुल को भव्य रूप से सजाया गया। केके अरौडा, छनिया पुजारी, विट्ठल पुजारी, गिरधारी भाटिया, लछिमन, अतुल तिवारी, राहुल चौहान आदि मौजूद रहे।
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नंदोत्सव
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
नंदोत्सव पर भागवत भवन में भाव-विभोर हुए श्रद्धालु
इधर, शनिवार मध्यरात्रि 12 बजे लल्ला के जन्म के बाद रविवार को जन्मभूमि में नंदोत्सव की धूम रही। श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं समिति के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने भागवत भवन में मौजूद श्रद्धालुओं पर खिलौने, वस्त्र, बर्तन, मिष्ठान आदि लुटाए। गायक जगदीश ब्रजवासी ने बधाई गायन कर रसिक भक्तजनों को परमानंद की अनुभूति कराई। इस अवसर पर भजन-गायिका शालिनी शर्मा भी मौजूद रहीं।
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60 वर्षों से नंदोत्सव में बधाई गा रहे हैं बाबूलाल
गोकुल में नंदोत्सव में एक विशेष समुदाय के शहनाई वादक उस्ताद बाबूलाल खुदाबख्श ने बधाई गायन करके समा बांध दिया। उनके द्वारा बजाई जा रही नफीरी हर किसी को मोहित कर रही थी। वह हर साल नंदोत्सव में शहनाई बजाने आते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी तीसरी पीढ़ी से बधाई गायन का सिलसिला चला आ रहा है। वह पिछले 60 वर्षों से निरंतर नंदोत्सव में बधाई गायन गा रहे हैं।
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नंद उत्सव में ठाकुरजी को चांदी में पाले में किया विराजमान
भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर में रविवार 10 बजे से नंदोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शनिवार की मध्यरात्रि 12 बजे लाला के जन्म की धूम रही। वहीं रविवार सुबह मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण में जयकारों से गूंज उठा।
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पुष्टिमार्ग संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि परंपराओं के अनुसार रविवार सुबह 10 बजे से 11 बजे तक नंदोत्सव मनाया गया और इसमें मंदिर के मुखिया सुधीर कुमार ने नंदबाबा का रूप लिया और मंदिर के दूसरे मुखिया यशोदा जी के रूप में विराजमान हुए। ठाकुरजी को चांदी के पाले में विराजमान कर जिस प्रकार बालक के जन्मदिन की बधाई लोग देते हैं और बधाई के बाद उनका खेल खिलौने वस्त्र आभूषण सामग्री सभी लुटाई जाती है वह मुखिया जी द्वारा लुटाई गई। ठाकुरजी की छवि भी अपने आप में निहारने लायक थी और दर्शन दिनभर भक्तों को होते रहे।