
मौलाना जमील अहमद
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शहर-ए-काजी मौलाना गुलाम यासीन के इंतकाल के बाद मौलाना जमील अहमद कादरी नए काजी-ए-शहर बनाए गए। सदर-उस-शरीया मौलाना जियाउल मुस्तफा रिजवी कादरी ने नए काजी-ए-शहर का एलान बरेली शरीफ के प्रमुख अल्लामा मौलाना मुफ्ती असजद रजा खां की अनुमति से किया।
एलान का ऑडियो आने के बाद तिलभांडेश्वर पार्क स्थित मौलाना गुलाम यासीन के आवास पर पहुंचकर उलेमा और लोगों ने मौलाना जमील की गुलपोशी कर उन्हें मुबारकबाद दी। उनकी दस्तारबंदी ईद के बाद होगी।
अशफाक नगर निवासी मौलाना मोहम्मद जमील अहमद मशहूर उलेमा हैं। उनके मुरीदों ने उम्मीद जताई है कि मौलाना गुलाम यासीन की तरह ही मौलाना जमील भी बनारस को साथ लेकर चलेंगे और हक पर रहेंगे। अहले सुन्नत अल जमात खासकर बरेलवी के उलेमा नए शहर-ए-काजी के फैसले को मानेंगे। आजादी के बाद मरहूम मौलाना गुलाम यासीन पहले शहर-ए-काजी बने थे।
जानकारों का मानना है कि आजादी के पहले हजरत अलवी शहीद, याकूब शहीद, लाटशाही बाबा भी अपने दौर के शहर ए काजी रहे थे। रमजान को देखते हुए नए शहर-ए-काजी का एलान हुआ क्योंकि ईद के चांद का एलान, शरिया की जानकारी देने सहित अन्य दीनी कार्यों में दिक्कत न आए।