Maulana Shahabuddin Razvi gave a statement on conversion

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
– फोटो : अमर उजाला

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ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के धर्मांतरण के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने कहा कि हाईकोर्ट की चिंता है कि धर्मांतरण जारी रहा तो बहुसंख्यक आबादी कहीं अल्पसंख्यक न हो जाए। ये चिंता किसी क्षेत्र की हो सकती है। मगर उत्तर प्रदेश में मुसलमानों या ईसाइयों द्वारा कहीं भी धर्मांतरण कराने का कोई कार्य नहीं हो रहा है। न ही कोई अल्पसंख्यकों की कोई ऐसी संस्था है, जो धर्मांतरण कराने के लिए लोगों को प्रलोभन देती हो। 

मौलाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले से ही धर्मांतरण का कानून बना हुआ है। उसमें सख्त से सख्त धाराएं हैं, अगर कोई व्यक्ति उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कराएगा तो इस कानून के तहत जेल की सलाखों में चला जायेगा। मौलाना ने आगे कहा कि संविधान में स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन की इजाजत दी है, मगर धर्म परिवर्तन कराने के लिए डराना, धमकाना या लालच देना संविधान के खिलाफ है। इस्लाम भी इसी बात की शिक्षा देता है। 

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शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम ने अपनी पूरी जिंदगी में किसी भी व्यक्ति को लालच या डराकर धर्म परिवर्तन नहीं कराया बल्कि वो हमेशा अच्छाइयों को अपनाने और बुराइयों से दूर रहने की शिक्षा देते थे। पैगंबर-ए-इस्लाम की जिंदगी और सीरत को देखकर और बाद में पढ़कर बहुत सारे लोगों ने इस्लाम धर्म को अपनाया। पैगंबर-ए-इस्लाम ये आदेश शक्ति के साथ लागू किया जाता रहा है कि इस्लाम के प्रचार व प्रसार के लिए लालच नहीं दी जाएगी।



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