ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि कुर्बानी का त्योहार बकरीद (ईद उल-अज़हा) सात जून को मनाया जाएगा। उसी दिन ईद उल अजहा की नमाज अदा होगी। कुर्बानी पर प्रतिबंध की मांग करने वाले लोग सांप्रदायिक सोच रखते हैं। हैदराबाद के विधायक टी. राजा, मुंबई के नितेश राणे, गाजियाबाद विधायक नंद किशोर गुर्जर और स्वामी रामभद्राचार्य जैसे लोग कुर्बानी त्योहार पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। ऐसा हरगिज नहीं हो सकता। यह त्योहार 1450 वर्षों से मनाया जा रहा है। परंपरागत तरीके से होता आया है, यह कोई नया त्योहार नहीं है।

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मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुसलमान कुर्बानी के त्योहार को हरगिज नहीं छोड़ सकता, क्योंकि यह इस्लाम का एक अहम हिस्सा है। मौलाना ने कहा कि मैं देश के तमाम मुसलमानों से अपील करता हूं कि प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न करें। कुर्बानी करते वक्त दूसरे धर्मों की आस्था का भी ख्याल रखें। खुले में कुर्बानी न करें, बल्कि जिस जगह कुर्बानी करना हो वो बंद जगह होनी चाहिए। जानवर के अवशेष को जमीन में दफन कर दें। रोड और गलियों में न फेंकें।



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