आकाश ने दिखाई परिपक्वता
आकाश ने अपने आठ मिनट के संबोधन में परिपक्वता दिखाते हुए किसी भी दल या नेता पर निशाना नहीं साधा। अपना भाषण कांशीराम और मायावती तक सीमित रखा। उन्होंने कहा कि कांशीराम के संघर्षों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। बसपा सुप्रीमो कांशीराम के अधूरे सपने को पूरा करने में लगी हैं।
उन्होंने बसपा प्रमुख को पांचवीं बार सीएम बनाने के लिए समर्थकों में जोश भरने का प्रयास किया। कहा, लाखों लोगों की भीड़ देखकर कह सकता हूं कि यूपी में बसपा की पांचवीं बार मायावती के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है। बसपा को केंद्र और राज्य की सत्ता में लाना है। इस दौरान कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने वाला था।
… आकाश का देना है साथ
बसपा सुप्रीमो ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद को पहले बोलने का मौका देकर पार्टी के भविष्य की तस्वीर भी साफ कर दी। उन्होंने कहा कि आकाश अब पार्टी के मूवमेंट से पूरी तरह जुड़ चुके हैं। पूरी लगन और मेहनत से काम कर रहे हैं। जिस तरह आपने कांशीराम के बाद मेरा साथ दिया, उसी तरह आकाश का भी देना है।
उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महसचिव सतीश चंद्र मिश्रा को ब्राह्मणों और विधायक उमाशंकर सिंह को क्षत्रियों को जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी। मायावती ने संगठन के विस्तार के लिए प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के कार्यों की सराहना की। साथ ही सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा के दोबारा सक्रिय होने की सराहना की।