राजधानी लखनऊ में सोमवार को आंबेडकर जयंती पर बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बाबा साहब को श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके बाद कार्यकर्ताओं को संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के जानमाल व मजहब की सुरक्षा की सांविधानिक गारंटी पर खतरा बढ़ा है। इससे देश में विकास का माहौल बनाने का नहीं, बल्कि उसको बिगाड़ने वाला तनावपूर्ण माहौल है। कुछ लोगों को छोड़ सभी त्रस्त हैं।
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मायावती ने कहा कि बहुजन समाज को जातिवादी व धन्नासेठ समर्थक विरोधी पार्टियों की साजिश व हवाई दावों और वादों से बचकर चुनावों में अपना खुद उद्धार करने योग्य बनना होगा। बहुजनों की आपसी एकता व वोटों के जरिये सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के लिए विरोधियों के सभी हथकंडों को भी विफल करना होगा।
उन्होंने सभी सरकारों से जातिवादी व संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति त्यागने को कहा। आरोप लगाया कि दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों व अन्य उपेक्षितों के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक हालात कांग्रेस की तरह भाजपा शासनकाल में भी लगातार बदतर हैं। अब तो इन वर्गों के आरक्षण के सांविधानिक अधिकार पर भी कुठाराघात होने से रोजगार का अभाव होता जा रहा है। इन वर्गों का हर स्तर पर दमन जारी है तथा जातिवादी पार्टियों के संरक्षण में स्वार्थी तत्वों का ही बोलबाला है।
परिवार के साथ शामिल हुए कार्यकर्ता
लखनऊ और नोएडा में आंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों में बसपा समर्थक अपने परिवार के साथ शामिल हुए। लखनऊ मंडल के लोगों ने आंबेडकर स्मारक स्थल और पश्चिमी यूपी के मेरठ मंडल के लोगों ने नोएडा स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रदेश के बाकी 16 मंडलों में पार्टी ने जिलास्तर पर विचार गोष्ठियों का आयोजन किया।