मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सत्संग भगदड़ कांड में 121 लोगों की मृत्यु हो गई थी। इस घटना की जांच के बाद अदालत में दाखिल चार्जशीट में भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति है।
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बसपा सुप्रीमो मायावती।
– फोटो : amar ujala
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के संरक्षण की वजह से हाथरस कांड की चार्जशीट में सूरज पाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं है। बता दें कि हाथरस कांड के बाद बसपा ने सबसे पहले भोले बाबा की भूमिका की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की थी।
बसपा सुप्रीमो ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ कांड में 121 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। इस घटना की जांच के बाद अदालत में दाखिल चार्जशीट में भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति है, जिससे साबित होता है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है। उन्होंने इसे अनुचित करार देते हुए आगे लिखा कि मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2300 पन्नों की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है। लेकिन बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित है। ऐसे सरकारी रवैये से आगे ऐसी घटनाओं को रोक पाना क्या संभव होगा। इसे लेकर आमजन चिंतित है।