बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा कि हरियाणा में आईजी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार द्वारा जातिवादी शोषण व प्रताड़ना के कारण की गई आत्महत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इससे दलित व बहुजन समाज के लोग उद्वेलित हैं। जबकि, उनकी पत्नी भी हरियाणा में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं।  

यह घटना एक सभ्य सरकार के लिए शर्मनाक है। यह साबित करती है कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद का दंश कितना अधिक शासन-प्रशासन में हावी है। सरकारें इसको रोक पाने में विफल साबित हो रही हैं। वैसे यह सब सरकार की नीयत व नीति की बात ज्यादा है। उन्होंने इस घटना की समयबद्ध स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की मांग करने के साथ दोषियों को सख़्त सजा देने को कहा। 

…फिर भी जातिवाद पीछा नहीं छोड़ता

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार से भी इस घटना का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। कहा कि ऐसी घटनाओं से उन लोगों को जरूर सीख लेनी चाहिए जो एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण को आर्थिक स्थिति से जोड़ कर क्रीमी लेयर की बात करते हैं, क्योंकि धन व पद पाने के बाद भी जातिवाद उनका पीछा नहीं छोड़ता है।



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