
बसपा सुप्रीमो मायावती।
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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी लाइन से इतर सोच रखने वाले कुछ नेताओं को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि बसपा में रहकर जो लोग एससी-एसटी आरक्षण के उप वर्गीकरण व क्रीमी लेयर के कांग्रेस की तरह पक्षधर हैं और डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मिशनरी सोच नहीं रखते हैं, तो उनका पार्टी में कोई स्थान नहीं है। एक के स्वार्थ में बाकी पूरे बहुजन समाज के हित की उपेक्षा करना ठीक नहीं है।
बसपा सुप्रीमो ने शनिवार को सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि ऐसी मानसिकता के लोग यदि पार्टी को छोड़कर खुद ही चले जाते हैं या उन्हें अलग कर दिया जाता है तो यह बसपा व मूवमेन्ट के हित में होगा।
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वैसे भी इसकी आड़ में अब कांग्रेस के इण्डिया गठबन्धन की फूट डालो, राज करो की रणनीति नहीं चलेगी। लिहाजा लोग सजग रहें। उन्होंने कहा कि आरक्षण का यह मुद्दा इन वर्गों को बांटने वाला भी है। बसपा जाति के आधार पर सदियों से तोड़े व सताए गए इन लोगों को जोड़कर बहुजन समाज बनाने का मानवतावादी मूवमेन्ट है, जिससे कोई समझौता संभव नहीं है। पार्टी इस मुद्दे को लेकर अति-गंभीर है।
इसको लेकर कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु की सरकारों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले से ही जो वहां एससी व एसटी को बांटने की राजनीति की जा रही है वह ठीक नहीं। खासकर कांग्रेसी सरकारों का रवैया इस मामले में निन्दनीय है।