Mayawati speaks about dalit leaders in different parties.

बसपा सुप्रीमो मायावती।
– फोटो : amar ujala

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर बयान जारी कर कांग्रेस सहित अन्य दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में ही दलितों की याद आती है। वो अच्छे दिनों में दलित नेताओं को दरकिनार कर देती हैं।

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उन्होंने कहा कि देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है लेकिन ये पार्टियां, अपने अच्छे दिनों में फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं तथा इनके स्थान पर फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है।

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उन्होंने कहा कि ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए तथा अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए क्योंकि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की वजह से अपने केन्द्रीय कानून मन्त्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था।  

कहा कि जिनसे प्रेरित होकर फिर मैंने भी जिला सहारनपुर के दलित उत्पीड़न के मामले में इसकी हुई उपेक्षा तथा ना बोलने देने की स्थिति में, फिर मैंने इनके सम्मान व स्वाभिमान में अपने राज्यसभा सांसद से इस्तीफा भी दे दिया था। ऐसे में दलितों को बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलने की ही सलाह है।

इसके इलावा, कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियां शुरू से ही इनके आरक्षण के भी विरूद्ध रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो विदेश में जाकर इसको खत्म करने का ही एलान कर दिया है। ऐसी संविधान, आरक्षण व एससी, एसटी व ओबीसी  विरोधी पार्टियों से ये लोग जरूर सचेत रहें। 



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