Mayawati spoke openly on Baba name not being in the charge sheet of Hathras Satsang accident

बसपा सुप्रीमो मायावती।
– फोटो : amar ujala

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हाथरस के सिकंदराराऊ स्थित फुलरई-मुगलगढ़ी में 2 जुलाई को सत्संग में मची भगदड़ से 121 लोगों की मौत हुई थी। मामले में पुलिस ने 1 अक्टूबर को 3200 पेज की चार्ज शीट कोर्ट में दाखिल की। जिसमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया। चार्जशीट में साकार हरि बाबा यानी  सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम न होने को यूपी की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती ने अनुचित बताया है।

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पूर्व सीएम मायावती ने हाथरस सत्संग हादसे की चार्जशीट  को लेकर एक्स पर ट्विट किया है कि यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित है। मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, किन्तु बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित? ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव? आमजन चिन्तित है।

गत 2 जुलाई को सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। उनका काफिला निकालने के लिए सेवादरों ने भीड़ को रोक दिया था, इस दौरान उनकी चरण रज लेने की होड़ में लोग गिरते गए। पुलिस ने मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी,मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह,संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

इनमें महिला मंजू देवी और मंजू यादव की हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत स्वीकृत हो चुकी है। इस हादसे के संबंध में दर्ज कराई गई एफआईआर में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का नाम नहीं था। चार्जशीट भी फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ ही दी गई है।





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