Medical College Fire: Fire broke out... but safety alarm did not sound.

UP News: झांसी में बड़ा हादसा: मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग, 10 बच्चों की मौत | Amar Ujala |
– फोटो : self

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नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में आग से बचाव के लिए सेफ्टी अलार्म लगाए गए थे लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है आग लगने पर सेफ्टी अलार्म नहीं बजा। धुआं फैलने के बाद चारों ओर चीख-पुकार मच गई। अगर सेफ्टी अलार्म समय पर बजता तब बचाव कार्य जल्द शुरू हो सकते थे। 

 

नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में लगी आग चंद मिनट में फैलकर दरवाजे तक पहुंच गई। इस वजह से भीतर जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था। दमकलकर्मियों ने पीछे के रास्ते अंदर जाने की कोशिश की लेकिन, कामयाब नहीं हुए। इसके बाद वार्ड की खिड़की के कांच तोड़कर किसी तरह दमकलकर्मी अंदर पहुंचे। 

अंदर आग की लपटों के साथ धुआं भरा था। आग लगने के करीब आधे घंटे बाद बचाव कार्य शुरू हो सका। इसके बाद दमकलकर्मियों ने नवजातों को बाहर निकालना शुरू किया। ग्राउंड फ्लोर होने से नवजात बाहर निकाले जा सके। अगर हादसा दूसरी मंजिल पर होता, तब बचाव कार्य में और मुश्किल होती। एसएनसीयू वार्ड की दो यूनिट हंै। एक यूनिट अंदर और दूसरी बाहर की तरफ है। सबसे पहले जो नवजात बाहर की ओर थे, उनको बाहर निकाला गया। अंदर की तरफ जो बच्चे थे, वो काफी झुलस गए। यहां भर्ती बच्चों को बचाया नहीं जा सका।

लखनऊ से जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पास स्वास्थ्य विभाग भी है। पाठक ने कहा कि वह झांसी जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घटना बेहद दुखद और हृदयविदारक है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव आदित्यनाथ के निर्देश पर पाठक के साथ थे।

बयान में कहा गया है कि सीएम योगी ने संभागीय आयुक्त बिमल कुमार दुबे और उप महानिरीक्षक (झांसी पुलिस रेंज) कलानिधि नैथानी को 12 घंटे के भीतर मामले पर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

झांसी से लोकसभा सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि ‘मैं इस घटना से बेहद दुखी हूं। उन्होंने कहा कि वह इस समय स्टेशन से बाहर हैं। घटना के कुछ देर बाद सदर विधायक रवि शर्मा भी अस्पताल पहुंचे और हालात का जायजा लिया। 

शनिवार तड़के एसएसपी सुधा सिंह ने पत्रकारों को बताया कि 16 घायल बच्चों का इलाज किया जा रहा है और उनकी जान बचाने के प्रयास जारी हैं। उनके लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं।



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