लखनऊ। केजीएमयू के हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के दवा काउंटर पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए नई पहल की जा रही है। अब विवि में ई-हॉस्पिटल पर सभी दवाएं फीड की जाएंगी। ऐसा होने पर वही दवाएं लिखी जाएंगी तो स्टॉक में मौजूद होंगी। इससे मरीजों को ज्यादातर दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
केजीएमयू में पिछले कई साल से एचआरएफ की व्यवस्था है। इसमें मरीजों को 60 फीसदी तक कम कीमत में दवाएं उपलब्ध हो जाती हैं। हालांकि, फॉर्मा कंपनी और कुछ डॉक्टरों की मिलीभगत की वजह से यह व्यवस्था प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पा रही है। ज्यादातर दवाएं एचआरएफ काउंटर पर उपलब्ध नहीं रहतीं। डॉक्टरों को पता नहीं होता है कि कौन सी दवाएं एचआरएफ पर उपलब्ध हैं। केजीएमयू के एचआरएफ कमेटी के प्रमुख प्रो. अनूप वर्मा ने बताया कि अब ई-हॉस्पिटल पर सभी दवाएं फीड की जा रही हैं। इससे केजीएमयू के हर कंप्यूटर पर मौजूद दवाओं की स्थिति पता रहेगी। रेट कॉन्ट्रैक्ट वाली कंपनी इससे मना नहीं कर पाएगी। अभी तक कई बार काउंटर से मरीज को दवा न होने की बात कहकर लौटा दिया जाता था।
बड़ा सवाल, पिछले ही साल क्यों नहीं हुई फीडिंग
ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर एनआईसी की ओर से सभी सरकारी संस्थानों को उपलब्ध है। बीते साल केजीएमयू ने पीपीपी मॉडल पर होने वाली सभी जांच के रेट इस पर फीड करवाए थे। उसी समय एचआरएफ की दवाएं फीड कराने की व्यवस्था भी की जा सकती थी, लेकिन जानबूझकर उसे छोड़ दिया गया। उसी समय दवाएं फीड होने पर अब तक व्यवस्था कुछ हद तक पटरी पर आ जाती।