लखनऊ। इस्लामिक सेंटर सेंटर ऑफ इंडिया में आयोजित कुरानी महफिल में कुरान की तिलावत और उसे याद करने की फजीलत बयान की गई। हाफिज अब्दुल हई रशीद फरंगी महली की कुरान हिफ्ज करने के लिए दस्तारबंदी की गई।

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ऐशबाग ईदगाह स्थित इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में कुरानी महफिल में दारुल उलूम नदवतुल उलमा के उप प्रबंधक मौलाना अम्मार हसनी नदवी ने कहा कि इल्म फरंगी महल की विरासत है। मौलाना तारिक रशीद फरंगी महली ने कहा कि कुरान याद करना अल्लाह की बहुत बड़ी अमानत है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली बताया कि हाफिज अब्दुल हई रशीद शायद ला-मार्टिनियर कॉलेज के पहले छात्र हैं, जिन्होंने स्कूल की पढ़ाई के साथ कुरान को भी याद किया। दारुल उलूम निजामिया फरंगी महल के प्रधानाचार्य मौलाना नईमुर्रहमान सिददीकी ने दस्तारबंदी करने के बाद हिफ्ज-ए-कुरान का प्रमाणपत्र दिया। हाफिज अब्दुल हई रशीद ने सूराह रहमान की आयतें पढ़ीं और उनका अंग्रेजी में अर्थ भी बताया। कार्यक्रम का आगाज अब्दुल अली रशीद ने कुरान की तिलावत से किया। मौलाना अतीक अहमद बस्तवी ने दुआ कराई।



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