कासगंज। नसबंदी कराने के लिए अब पुरुष भी आगे आने लगे हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 12 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। वहीं महिलाओं की संख्या इस वित्तीय वर्ष में 1068 पहुंच गई है।
जिले की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के तमाम प्रयास कर रहा है। महिलाओं को जागरूक करने के लिए खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है। वहीं जनसंख्या नियंत्रण में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी विभाग प्रोत्साहित कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग का नसबंदी में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने पर पूरा जोर है। इसके लिए विभाग लगातार अभियान चला रहा है। अभियान के दौरान पुरुषों को प्रेरित करने के साथ ही इन्हें नसबंदी के लिए आयोजित होने वाले शिविरों तक लाने का प्रयास हो रहा है। इसके नतीजे भी आने लगे हैं।
पुरुष परिवार नियोजन के लिए अस्थायी साधनों को ही तवज्जो देते हैं। नसबंदी को लेकर मन में तमाम तरह की भ्रांतियां रहती हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले में सिर्फ एक पुरुष ने नसबंदी कराई थी। इसके बाद से आंकड़े में सुधार आना शुरू हुआ। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 12 पुरुष नसबंदी करा चुके हैं। वित्तीय वर्ष समाप्त होने मेें अभी लगभग पौने दो माह का समय है। इससे यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। इससे पहले यह जिम्मेदारी सिर्फ महिलाएं ही निभा रही थीं।
वित्तीय वर्ष- पुरुष नसबंदी संख्या
2019- 20 1
2020-21 3
2021-22 5
2022-23 17
2023-24 12
केस: 1
कासगंज के 45 वर्षीय युवक का कहना है कि आज के समय में सीमित परिवार जरूरी है। इसलिए इस जिम्मेदारी को उठाने का मन बना लिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर पर अपनी नसबंदी कराई। मेरी वैवाहिक जिंदगी भी अच्छी चल रही है।
केस: 2
कासगंज के 40 वर्षीय युवक का कहना है कि परिवार में दो बच्चे हैं। बच्चों का अच्छा पालन-पोषण व अच्छी शिक्षा देने के लिए परिवार नियोजन आवश्यक है। नसबंदी कराए 6 माह से अधिक समय हो चुका है। किसी प्रकार की कोई भी दिक्कत नहीं है।
महिलाओं की अपेक्षा पुरुष नसबंदी सरल और आसान है। पुरुष नसबंदी बिना चीरा-टांके के की जाती है। इसमें पुरुष को कोई परेशानी नहीं होती है। सरकार की ओर से महिला नसबंदी के लिए 2000 और पुरुष नसबंदी के लिए 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।- डाॅ. राजीव अग्रवाल, सीएमओ
