{“_id”:”677fd7a1ccc1cf328a06eba8″,”slug”:”milkipur-by-election-bjp-is-desperate-to-avenge-the-defeat-in-lok-sabha-made-this-strategy-to-win-the-seat-2025-01-09″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”मिल्कीपुर उपचुनाव: लोकसभा में मिली हार का बदला लेने के लिए बेताब है भाजपा, सीट जीतने के लिए बनाई ये रणनीति”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मिल्कीपुर के पूर्व विधायक व फैजाबाद से वर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद। – फोटो : amar ujala
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मिल्कीपुर का उपचुनाव जीतकर फैजाबाद संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव की हार का बदला लेने के लिए भाजपा बेताब है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा ने अपने सांगठनिक ढांचे के अनुसार बनाए गए पांच मंडलों में अलग-अलग मंत्रियों को जिम्मेदारी दे दी है। उधर सीट बचाने की जद्दोजहद में जूझ रही समाजवादी पार्टी ने बूथवार बैठकें शुरू कर दी है।
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प्रदेश सरकार के मंत्री अपने प्रभार के मंडलों के एक-एक बूथ की समीक्षा कर रहे हैं। उनका मुख्य फोकस पिछले चुनाव में खराब प्रदर्शन वाले बूथों पर है, जहां इस बार वे हर हाल में कमल खिलाना चाहते हैं। भाजपा संगठन ने मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के अमानीगंज मंडल में कुंदरकी उपचुनाव के प्रभारी रहे सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को लगाया है।
हैरिंग्टनगंज मंडल में खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव को जिम्मेदारी दी गई है। कुचेरा मंडल खाद्य व रसद राज्य मंत्री सतीश शर्मा देख रहे हैं। कुमारगंज मंडल का प्रभारी चिकित्सा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण को बनाया गया है। मिल्कीपुर मंडल की जिम्मेदारी आयुष राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने ली है। यह सभी मंत्री विधानसभा क्षेत्र के मुख्य प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही व स्वतंत्रदेव सिंह के निर्देशन में उपचुनाव की बागडोर संभाले हुए हैं।
वहीं, समाजवादी पार्टी भी अपनी सीट किसी भी कीमत पर गंवाने को तैयार नहीं है। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि मिल्कीपुर में चल रही खेमेबंदी को खत्म करने के लिए बृहस्पतिवार को पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद अयोध्या जिले के वरिष्ठ पार्टी नेताओं को बैठक के लिए लखनऊ बुलाया था। हालांकि सपा अध्यक्ष के चाचा राजपाल सिंह यादव के निधन के कारण बैठक स्थगित हो गई।
सपा संगठन ने चुनाव को मजबूती देने के लिए सेक्टर वार सामाजिक समीकरण के अनुसार कार्यकर्ता लगाए हैं। साथ ही मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद उसके अवलोकन के लिए भी बूथवार कार्यकर्ता लगाए गए हैं। बहुजन समाज पार्टी के उपचुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा और सपा की निगाहें बसपा के कोर मतदाताओं को अपने पाले में खड़ा करने में लगी हुई है।