{“_id”:”67871652454940611a0b1ce5″,”slug”:”milkipur-by-election-chandrabhanu-paswan-s-name-was-decided-in-this-way-survey-report-became-the-basis-of-th-2025-01-15″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”मिल्कीपुर उपचुनाव: इस तरह से तय हुआ चन्द्रभानु पासवान का नाम, सर्वे रिपोर्ट बनी फैसले का आधार”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा ने बनाया प्रत्याशी। – फोटो : अमर उजाला।
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Milkipur Bypoll 2025: भारतीय जनता पार्टी ने मिल्कीपुर उपचुनाव में चंद्रभानु पासवान के रूप में नए और युवा चेहरे पर दांव लगाया है। संगठन की ओर से कराए गए सर्वे की रिपोर्ट हाईकमान के फैसले का आधार बनी। जनप्रतिनिधियों की पसंद और नापसंद के बीच का नाम तय किया गया। इनकी पत्नी दो बार से जिला पंचायत सदस्य हैं। ऐसे में चुनाव प्रबंधन का भी अनुभव है। कपड़े के कारोबार के चलते गुजरात से भी कनेक्शन है।
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मिल्कीपुर सीट के लिए भाजपा के टिकट के करीब एक दर्जन दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए चंद्रभानु ने बाजी मारी है। इनमें दो पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा और रामू प्रियदर्शी भी शामिल हैं। इनके अलावा उप परिवहन आयुक्त सुरेंद्र कुमार को भी टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने तो टिकट के लिए आवेदन करने के बाद सरकारी सेवा से वीआरएस के लिए भी आवेदन कर दिया था। इसी तरह और भी कई बड़े चेहरे शामिल रहे।
चंद्रभानु पासी समाज से आते हैं। उपचुनाव में इनका मुख्य मुकाबला सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद से होना है। वे भी इसी समाज से हैं। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में पासी वर्ग के ही सर्वाधिक वोटर हैं। वे कपड़े और पेपर के थोक व्यवसायी हैं। गुजरात के अहमदाबाद और सूरत तक इनका कारोबार फैला है। यदि भाजपा प्रत्याशी के राजनीतिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इनकी पत्नी कंचन पासवान वर्ष 2021 के चुनाव में रुदौली चतुर्थ सीट से 11,382 मत पाकर जिले में सर्वाधिक मतों से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई हैं। इसके पहले वर्ष 2015 में रुदौली पंचम सीट से 8396 मत हासिल कर सर्वाधिक मतों से जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थीं। इनके पिता बाबा राम लखन दास 2021 में फिर से ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़ाव रखते हैं।