Mobile phone and real estate business grew rapidly in a year in Uttar Pradesh.

– फोटो : amar ujala

विस्तार


किसी भी राज्य की उन्नति का सूचक रोजगार, कारोबार, इंफ्रास्ट्रक्चर और उनसे प्राप्त होने वाले राजस्व से होता है। वहीं वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कारोबारी गतिविधियों का पता चलता है। पिछले एक साल में प्रदेश में कई सेक्टरों में अप्रत्याशित तेजी देखी गई है, जिसका असर उस सेक्टर से प्राप्त होने वाले राज्य कर पर दिखा है। प्रदेश में मोबाइल फोन व उससे जुड़े उपकरणों का कारोबार दोगुना हो गया है। यही वजह है कि इस मद में जीएसटी 1700 करोड़ से बढ़कर 3400 करोड़ हो गया है।

Trending Videos

सरकारी विभागों में तेज कामकाज का नतीजा है कि यहां भी टैक्स कलेक्शन 318 करोड़ से उछलकर 718 करोड़ हो गया है। यूपी में रियल एस्टेट में 36 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। वहीं वर्क कॉन्ट्रैक्ट में भी 40 फीसदी की तेजी आई है। यानी रोजगार के अवसर बढ़े हैं। प्रदेश में 59 प्रमुख कारोबारी सेक्टरों में से हाइड्रोकार्बन, सरकारी विभाग, मोबाइल उपकरण, रियल एस्टेट और तिपहिया वाहन आदि सेक्टरों में काफी वृद्धि हुई है।

रियल एस्टेट सेक्टर से आने वाला जीएसटी 228 करोड़ से बढ़कर 312 करोड़ रुपये हो गया है। तिपहिया वाहन बाजार में 39 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है। इस सेक्टर से आने वाला टैक्स 255 करोड़ से बढ़कर 355 करोड़ हो गया है। वर्क कांट्रैक्ट में भी 42 फीसदी की तेजी आई है।

इस मद में जीएसटी 4503 करोड़ से उछलकर 6423 करोड़ रुपये हो गया है। ये आंकड़ा इन सेक्टरों के प्रमुख डीलरों द्वारा जमा राजस्व का है। इसके अतिरिक्त ऑटो पार्ट्स, पशु आहार, दोपहिया वाहन, चार पहिया वाहन, बिजली उत्पादन व बिजली उपकरण और इंश्योरेंस व बैंकिंग में भी 9 से 13 फीसदी तक की तेजी आई है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *