दूसरों की जमीन अपनी बताकर 100 से ज्यादा लोगों से छह करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आरोपी बिल्डर प्रमोद कुमार उपाध्याय को जेल भेजने के बाद अब उसके आरोपी भाई बिनोद पर 25 हजार का इनाम घोषित किया जाएगा। पुलिस टीम बिनोद की तलाश कर रही है।

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लुभावने ऑफर दिखाकर फर्जी तरीके से जमीनों की रजिस्ट्री करने के आरोपी आवास विकास वृंदावन योजना निवासी प्रमोद कुमार उपाध्याय को एसटीएफ व मोहनलालगंज पुलिस ने सोमवार को जेल भेजा था। आरोपी और उसके भाई के खिलाफ धोखाधड़ी की 30 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। आरोपी ज्यादातर सैन्यकर्मियों को झांसे में लेकर उनसे ठगी करते थे।

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आरोपियों ने एचके इंफ्राविजन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बना रखी थी। बिनोद कुमार उपाध्याय एचके इंफ्राविजन प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है। एसीपी रजनीश वर्मा के मुताबिक, आरोपी बिल्डर भाइयों की प्रॉपर्टी व बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। डीसीपी निपुण अग्रवाल का कहना है कि बिनोद पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

खास बात ये है कि गिरफ्तार किए गए बिल्डर प्रमोद का कुछ माह पहले तक मोहनलालगंज कोतवाली में दबदबा था। आरोपी ने कुछ साल पहले ही थाने के गेट का निर्माण कराया था। गेट पर पुलिस अधिकारियों के साथ ही अपने नाम का शिलापट भी लगवाया था। सोमवार को बिल्डर की गिरफ्तारी के बाद आनन-फानन थाने के गेट में लगा शिलापट हटवा दिया गया।

दबाते रहे शिकायतें, परेशान हुए पीड़ित

प्रमोद व बिनोद ने अपने पिता के साथ मिलकर एचके इंफ्राविजन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई और मोहनलालगंज इलाके में जमीनें खरीदकर प्लॉटिंग शुरू की। आरोपियों ने क्रय जमीन से अधिक प्लाॅट बेचकर लोगों की रकम हड़पी। ठगी के शिकार लोगों ने पुलिस प्रशासन से शिकायत की, लेकिन आरोपियों के दबाव के आगे किसी ने कुछ नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि जब कोई अधिकारी बिल्डर भाइयों पर दबाव बनाता था तो आरोपी उन्हें प्लॉट देने का झांसा देते थे। इससे शिकायतें दब जाती थीं।



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