Moisture in eyes decreasing due to excessive use of mobile

बिना पलक झपके मोबाइल देखती बच्ची
– फोटो : अमर उजाला

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मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप के साथ वीडियो गेम के अधिक प्रयोग से आंखों की नमी कम हो रही है। डॉक्टर इसे ड्राई आई सिंड्रोम कहते हैं। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे और युवा हो रहे हैं। गांधी आई अस्पताल में प्रतिदिन 30-35 मरीज आंखों के सूखेपन का इलाज कराने के लिए आ रहे हैं।

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नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार स्क्रीन की तेज रोशनी आंखों की नमी को क्षति पहुंचाती है। इससे अनिद्रा और तनाव बढ़ता है। आंखों में एक टियर फिल्म (आंसुओं की परत) होती है। जो नमी बनाए रखने और सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है। आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति एक मिनट में 18-20 बार अपनी पलकों को झपकाता है, जिससे खुद ब खुद आंखों में नमी बनी रहती है। स्क्रीन से अधिक देर तक चिपके रहने से नमी कम होने लगती है।

यह हैं लक्षण

  • आंखों में जलन होना, तेज दर्द होना
  • आंखों का लाल हो जाना
  • आंखों में चिपचिपे म्यूकस का जमा हो जाना

यह करें उपाय

गांधी आई अस्पताल के सीएमओ डॉ. अजय सक्सेना के अनुसार इस समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि अपने स्क्रीन समय को कम करें। यदि ऐसा संभव नहीं है तो प्रत्येक 20 मिनट बाद एक बार आंखों को 20-30 सेकेंड के लिए विश्राम देना चाहिए। हर 40 से 50 मिनट बाद आंखों को आराम दीजिए।

युवा और बच्चे हो रहे अधिक शिकार

डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि आंखों के सूखेपन के सबसे ज्यादा शिकार युवा और बच्चे हो रहे हैं। प्रतिदिन ओपीडी में 30-35 मरीज इस समस्या के साथ आते हैं, इसमें 80 प्रतिशत युवा और बच्चे ही होते हैं।



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