रामगंगा नदी के दोनों किनारों को चिह्नित करने की तैयारी है। कालागढ़ से शाहजहांपुर तक करीब 340 किलोमीटर की लंबाई में नदी के दोनों ओर बाढ़ खंड विभाग लकड़ी के खंभे लगाकर अपने अपने क्षेत्र को दर्शाएगा। इस मामले में विभाग ने सामान के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दिया है।
एनजीटी की तरफ से निर्धारित समय तक नदी के दोनों तरफ चिन्ह लगाए जाएंगे ताकि नदी का क्षेत्र निर्धारित किया जा सके। रामगंगा कालागढ़ से निकलने के बाद मुरादाबाद, बरेली, बदायूं से होकर शाहजहांपुर से होते हुए कन्नौज तक जाती है। जहां वह गंगा में मिल जाती है।
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता राजेश गंगवार ने बताया कि कालागढ़ से लेकर शाहजहांपुर तक रामगंगा का क्षेत्र उनके दायरे में आता है। इस क्षेत्र में नदी अपना रास्ता बदलती रहती है। इस मामले में एक जनसुनवाई के दौरान एनजीटी ने कालागढ़ से लेकर शाहजहांपुर तक नदी के दोनों तरफ लकड़ी के चिन्ह लगाने के निर्देश दिए हैं।
इसके लिए 30 जून 2026 तक की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। विभाग ने अभियंताओं ने नदी का स्थलीय निरीक्षण कर लिया है। विभाग की तरफ से खंभे लगाने के लिए सामान खरीदना जरूरी है। सामान खरीदने के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को वित्तीय स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
सामान खरीदने में 2.25 करोड़ रुपये खर्च आएंगे। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर जारी कर कार्यदायी संस्था से कार्य कराया जाएगा।
