अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दुष्कर्म के मुकदमे की सुनवाई के बाद दोषी ससुर को दस वर्ष के कठोर कारावास और अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। दुष्कर्म की शिकायत करने पर दोषी ने अपने बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

बेटे की हत्या में कोर्ट ने आजीवन कारावास के साथ एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मझोला थाने में 28 नवंबर 20 को एक महिला ने तहरीर देकर बताया कि 25 नवंबर की रात उसके पति घर से बाहर गए थे। आरोप है कि ससुर ने बहू के साथ दुष्कर्म किया।

महिला के पति घर वापस लौटकर आए तो उसने पति को आपबीती सुनाई। रात 11 बजे पति अपने पिता के पास पूछताछ के लिए पहुंचे। इस बीच उनका देवर भी सामने आ गया। शिकायत करने पर देवर ने पति के साथ मारपीट की। इस बीच ससुर ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से बेटे को गोली मार दी।

घायल होने के बाद वह पति को लेकर अपेक्स हॉस्पिटल गईं। अस्पताल में उपचार के दौरान पति की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने ससुर और देवर के खिलाफ धारा 376 और 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। विवेचक ने इस मामले में केवल ससुर के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया।

अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद ससुर को धारा-376 में 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 50 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में तीन माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।

वसूल की गई धनराशि में से 80 प्रतिशत पीड़िता को दी जाएगी। इसी प्रकार धारा-302 में आजीवन कारावास के साथ ही एक लाख रुपये अर्थ दंड से अभियुक्त को दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में छह माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। वसूल की गई धनराशि में से 90 प्रतिशत  पीड़िता को दी जाएगी।



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