ठाकुरद्वारा के गांव शिवनगर पत्थर खेड़ा में हुए चर्चित गोकशी के मामले में नामजद पूर्व जिला पंचायत सदस्य जरीफ अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सीएचसी में मेडिकल के लिए पहुंचे आरोपी ने चिल्लाते हुए कहा कि मैं निर्दोष हूं और इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है।

इस पर पुलिस उसे खींचते हुए कार में बैठाकर कोर्ट ले गई जहां से उसे जेल भेज दिया गया। हालांकि कुछ वीडियो सामने आई हैं जिसमें वह खुद ही थाने पहुंचकर सरेंडर करता दिख रहा है। शिवनगर पथरखेड़ा में 25 जुलाई को तड़के ग्रामीणों ने गोकशी का मामला पकड़ा था।

मौके से किशनपुर गांवड़ी निवासी पिता पुत्री और बेटे सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था जबकि अन्य पांच लोग वहां से पिकअप से कूद कर भाग गए थे। इसमें पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं एचएससी इंटर कॉलेज के प्रबंधक जरीफ अहमद को भी नामजद किया गया था।

तीन गिरफ्तार लोगों के अलावा पांच ने कोर्ट में समर्पण कर दिया था। वांछित जरीफ अहमद की गिरफ्तारी को लेकर हिंदू संगठन और साधु संत का करीब 15 दिन से मांग पर अड़े हुए थे। साधु-संतों ने पुलिस पर गिरफ्तारी में लापरवाही का आरोप लगाते हुए फिर से धरना प्रदर्शन और पैदल मार्च की चेतावनी दी थी।

इस बीच बृहस्पतिवार को पुलिस ने जरीफ अहमद को किशनपुर गांवड़ी के चौराहे से गिरफ्तार होना बताया। लेकिन कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर दावा किया है कि जरीफ अहमद ने स्वयं कोतवाली में एक गांव के प्रधान के साथ पहुंचकर सरेंडर किया है।

बाद में पुलिस जरीफ को लेकर सीएचसी पर पहुंची। जहां मेडिकल से पहले और बाद में जरीफ अहमद ने चिल्लाते हुए कहा कि वह निर्दोष है और उन्हें इस मामले में राजनीतिक रंजिश में झूठा फंसाया जा रहा है। मेडिकल के बाद कोर्ट में पेश करने पर उन्हें जेल भेज दिया गया। इस मामले में पुलिस को अभी बेल बेचने वाले किशनपुर गांवड़ी निवासी सफिया की भी तलाश है।



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