लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) की चुनौतियों और उनके समाधान पर विमर्श के लिए अमर उजाला एमएसएमई मंथन का आयोजन हुआ। एमएसएमई मंत्रालय के समन्वय से आयोजित इस कार्यक्रम में उद्योग जगत की नामी हस्तियां, व्यापारी, निर्यातक और प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में जुटे।

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मुरादाबाद में आयोजित मंथन में मुख्य अतिथि और निर्यातक
– फोटो : अमर उजाला
उद्देश्य था स्थानीय स्तर पर समस्याओं की पहचान कर उन्हें सरकार तक पहुंचाना और समाधान की दिशा तय करना। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस मौके पर राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन सुरेश कुमार गुप्ता, लघु उद्योग भारती के जिला इकाई प्रमुख रचित अग्रवाल, और एडीएम प्रशासन गुलाब चंद्र सहित कई अधिकारी और व्यापारी मौजूद रहे।

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दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत
– फोटो : संवाद
निर्यातकों की चुनौतियां सामने रखीं
सुरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि कोविड के बाद से शिपिंग खर्च लगातार बढ़ रहा है, जिससे निर्यातकों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीजीएफटी प्राधिकरण निर्यातकों की समस्याओं पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पा रहा। इस कारण सरकार को एक अलग संगठन बनाना चाहिए, जो केवल निर्यातकों की दिक्कतों का समाधान करे।

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मंथन में भाग लेते निर्यातक और अन्य
– फोटो : अमर उजाला
उन्होंने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना पर भी सवाल उठाया। कहा कि मुरादाबाद में केवल मेटल क्राफ्ट को शामिल किया गया है, जबकि यहां ग्लास और वुड क्राफ्ट का काम भी बड़े पैमाने पर होता है। उन्होंने मांग की कि इन शिल्पकारों को भी योजना का लाभ मिलना चाहिए।

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मंथन में बोलते राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख
– फोटो : अमर उजाला
युवाओं और लघु उद्योगों को नई राह
राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि 2017 से पहले उद्योग जगत में कई कठिनाइयां थीं, लेकिन अब हालात बेहतर हुए हैं। उन्होंने बताया कि अब उद्योग का पंजीकरण ऑनलाइन आसान हो गया है। युवा वर्ग को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि सभी को नौकरी नहीं मिल सकती।
