
नगर निगम मुरादाबाद
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जीआईएस सर्वे से बढ़े हाउस टैक्स का जबरदस्त विरोध होने के बावजूद नगर निगम ने अभी तक 22 करोड़ से अधिक की वसूली की है। पिछले साल की तुलना में नगर निगम ने इस साल की पहली छमाही में 2.3 करोड़ की अधिक वसूली की है। नगर निगम के अधिकारियों का अनुमान है कि साल के अंत तक वसूली ढाई गुना बढ़ सकती है।
नगर निगम ने हाउस टैक्स का आंकलन करने के लिए पूरे शहर में जीआईएस सर्वे कराया था। सर्वे के बाद नोटिस जारी होने पर शहर के लोगों ने आरोप लगाया कि हाउस टैक्स तीन गुना बढ़ गया है। वहीं नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल का कहना था कि हाउस टैक्स की दर 2016 की है, दर नहीं बढ़ी है। हाउस टैक्स अन्य कारणों से बढ़ा है।
सर्वे के दौरान 50 हजार ऐसे घर चिन्हित हुए जो कभी टैक्स नहीं जमा करते थे। व्यावसायिक संस्थानों में क्षेत्रफल और बिल्डिंग के आधार पर टैक्स तय किए गए। नगर निगम के खिलाफ विधायक और मेयर तक उतर आए। मुख्यमंत्री तक विवाद पहुंचने के बाद नगर आयुक्त को मुख्य सचिव के समक्ष टैक्स को लेकर प्रजेंटेशन देना पड़ा।
मुख्य सचिव की सहमति के बाद तय किया गया है कि कैंप में बढ़े टैक्स को लेकर आपत्ति दाखिल की जाएगी। इसी आधार पर एक टीम मौके का मुआयना कर टैक्स निर्धारित करेगी। विरोध के चलते दो माह तक टैक्स का काम ठप रहा। टैक्स जमा करने के लिए नगर आयुक्त के निर्देश पर वार्ड वार कैंप लगाए गए।
डॉक्टरों और निर्यातकों के अनुरोध पर अलग कैंप लगाकर टैक्स वसूली शुरू हुई। टैक्स तेजी के साथ जमा करने के लिए 15 प्रतिशत की छूट सितंबर तक प्रदान की गई। व्यापारियों के अनुरोध पर नगर आयुक्त ने छूट की अवधि अक्तूबर तक बढ़ा दी है।
पिछले साल का रिकाॅर्ड टूटा
नगर निगम के रिकाॅर्ड के अनुसार 30 सितंबर 2024 तक नगर निगम ने 22 करोड़ आठ लाख रुपये हाउस टैक्स के रूप में वसूल किए हैं। पिछले साल सितंबर तक कुल वसूली 19 करोड़ 73 लाख हुई थी। इस प्रकार पिछले साल से दो करोड़ 30 लाख की अधिक वसूली की गई है।
वर्तमान वर्ष में 129215 पुरानी संपत्तियों और 34 हजार 672 पुराने भवनों से हाउस टैक्स वसूला गया है। पुराने भवनों से 17 करोड़ 54 लाख वसूले गए हैं। वसूली बढ़ने का कारण 8790 नए भवन और नई संपत्तियां भी रही हैं।
ऐसे बढ़ेगी वसूली
नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि अभी तक बड़े व्यवसायियों से वसूली नहीं की गई है। अभी तक सवा लाख घर और 50 हजार से अधिक नए भवनों को लक्ष्य बनाया गया था। 70 प्रतिशत घरों से हाउस टैक्स वसूले गए हैं। 50 हजार ऐसे आवास हैं, जहां से कभी भी हाउस टैक्स नहीं वसूले गए थे।
संभावना है कि बड़े व्यवसायियों से वसूली के बाद पिछले साल की तुलना में ढाई गुना टैक्स बढ़ेगा। अभी टैक्स का लक्ष्य 69 करोड़ निर्धारित है। कामर्शियल वसूली होने पर इस साल का आंकड़ा सौ करोड़ के पार भी जा सकता है। शासन ने वसूली के आधार पर सबसे अधिक रोड निर्माण के लिए धन आवंटित किया।
स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम क्षेत्र में नए बाजार विकसित किए जा रहे हैं। प्रत्येक रोड पर काम चल रहा है।