शाहजहांपुर के जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग में उपकरणों और अन्य सामग्रियों की खरीद में सौ करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का अंदेशा जताया है। पूर्व सीएमओ डॉ. आरके गौतम के कार्यकाल में हुई खरीद की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि जिस स्टेथोस्कोप का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तीन सौ रुपये है, उसे 15 सौ में खरीदा गया था।

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डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि दोषी पूर्व सीएमओ समेत सात अफसर और कर्मचारियों से इसकी रिकवरी की जाएगी। हालांकि, घोटाले की पूरी तस्वीर पूर्व सीएमओ के तीन साल के कार्यकाल की शासन स्तर से जांच के बाद साफ होगी। जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव ने स्वास्थ्य विभाग में सामान खरीद में गड़बड़ी की शिकायत डीएम से की थी। डीएम ने सीडीओ डॉ. अपराजिता सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी। सीडीओ के निरीक्षण में ददरौल सीएचसी के भंडारगृह में भारी मात्रा में फर्नीचर और मेडिकल उपकरण बरामद हुए थे।

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दिखाया गया था कि कोरोना काल के दौरान 86 उपकेंद्रों के लिए सामान खरीदा गया था। जांच में पता चला कि 86 उपकेंद्र कागजों पर ही थे। पुराने जिला अस्पताल परिसर के दो स्टोर में भी जांच समिति ने भारी मात्रा में सामान बरामद किया था। तत्कालीन सीएमओ डॉ. गौतम बिना आपत्ति किए बिलों को पास करते रहे। घोटाले में प्रधान सहायक संजय सिंह, लेखा प्रबंधक चंद्र प्रकाश पांडेय, प्रशासनिक अधिकारी राम किशोर, एसीएमओ डॉ. मनोज मिश्र पर भी कार्रवाई की संस्तुति की गई है।



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