बरेली के सुभाषनगर थाना क्षेत्र में रामगंगा ब्रिज से कुछ दूरी पर मंगलवार रात एक बजे रेलवे लाइन के किनारे मिट्टी डालते समय मोर्टार सेल मिलने से सनसनी फैल गई। सेना के बम निरोधक दस्ते ने मौके पर पहुंचकर उसको निष्क्रिय कर दिया। जांच में स्पष्ट हुआ है कि सेल काफी पुराना है। इस तरह के मोर्टार सेल का इस्तेमाल भारतीय सेना करती है। रेलवे लाइन से कुछ दूरी पर ही सैन्य क्षेत्र और सेना की फायरिंग रेंज भी है।
दो दिन भारी बारिश के दौरान रेलवे लाइन के किनारे कई स्थानों पर मिट्टी धंस गई है। वहां मिट्टी डाली जा रही है। सुभाषनगर थाना क्षेत्र में रेलवे लाइन के किनारे काम कर रहे मजदूरों को मिट्टी के ढेर में संदिग्ध वस्तु मिली। सूचना पर एसपी सिटी मानुष पारीक पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। जांच में पता लगा कि यह मोर्टार सेल है। रात में ही सेना की यूनिट को सूचना दी गई। सेना के बम निरोधक दस्ते ने उसे निष्क्रिय कर दिया।
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कोनी प्रतापपुर गांव से लाई जा रही मिट्टी
रेलवे लाइन के किनारे डालने के लिए कैंट थाना क्षेत्र के कोनी प्रतापपुर गांव से मिट्टी लाई जा रही है। मोर्टार सेल मिलने के बाद सीओ द्वितीय जब गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने बताया कि 20 वर्ष पहले तक गांव में सेना की फायरिंग रेंज थी। उस समय कुछ लोग घायल हो गए थे, इसके बाद रेंज को बंद कर दिया गया।
माना जा रहा है कि मिस फायर होने के बाद सेल को मिट्टी में दबा दिया गया होगा। रेलवे लाइन के किनारे डालने के लिए मिट्टी वहीं से लाई जा रही है। ऐसे में यह मोर्टार सेल मिट्टी के साथ यहां पहुंच गया होगा। हालांकि, मोर्टार सेल कहां से और किस यूनिट के लिए जारी किया गया था और यह वहां तक कैसे पहुंचा, पुलिस और सेना की टीमें इसकी जांच कर रही हैं।