उरई। शहर के पटेल नगर और रामकुंड क्षेत्र में रहकर कबाड़ का काम करने वाले लोगों का शनिवार को पुलिस ने व्यापक सत्यापन कराया। इसमें कुछ लोगों के पास झारखंड तो कुछ के पास बिहार के कागजात मिले थे। इस पर पुलिस ने संबंधित राज्यों और जिलों में टीम भेजकर जांच कराई, लेकिन वहां से किसी की पहचान की पुष्टि नहीं हो सकी। इसके बाद दिल्ली से आई बांग्लादेशी सेल ने सभी का सत्यापन किया, तो सभी झारखंड व बिहार के निवासी पाए गए हैं। पांच घंटे चली पूछताछ के बाद सभी अपने स्थानों पर चले गए।
शहर के रामकुंड पार्क के पीछे वर्षों से झुग्गी झोपड़ी बनाकर करीब 134 लोग रह रहे थे। यह सभी कबाड़ आदि का काम करते हैं। जिले में चल रहे एसआईआर फार्म प्रक्रिया के दौरान जब टीमें इनके पास पहुंची तो न तो इनके पास वैध दस्तावेज मिले और न ही कोई ऐसा कागजात मिल सका। इससे यह स्पष्ट हो सके कि यह लोग कहां के हैं। इन लोगों के पास आधार कार्ड मिले हैं। सभी झारखंड के बताए जा रहे हैं। जानकारी पर एएसपी प्रदीप कुमार वर्मा मौके पर पहुंचे और जांच की। कागजात न होने पर सभी को झांसी- कानपुर नेशनल हाईवे स्थित आटा थाना क्षेत्र की नवीन गल्ला मंडी में अस्थायी रूप से इन्हें ले जाया गया।
इसके बाद रविवार को आई यहां छह सदस्यीय दिल्ली पुलिस की बांग्लादेशी सेल ने करीब पांच घंटे तक सभी लोगों का गहन सत्यापन किया। जांच में सभी लोग झारखंड के पाकुड़ जिले के निवासी पाए गए, जबकि कुछ अन्य झारखंड के अन्य जिलों से संबंधित थे। सत्यापन में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि सामने नहीं आई। सत्यापन पूरा होने के बाद पुलिस टीम ने सभी को उनके निवास स्थानों पर लौटने की अनुमति दे दी।
सभी का सत्यापन कराया गया था। सत्यापन होने के बाद सभी लोग अपने – अपने स्थानों पर चले गए हैं।
दुर्गेश कुमार, एसपी जालौन
