अमर उजाला की ओर से आयोजित एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव में उद्घाटन सत्र के बाद अलग-अलग उद्योग संगठनों से जुड़े उद्यमियों का पैनल डिस्कशन हुआ। इसमें उद्यमियों ने कैबिनेट मंत्री और उद्योग विभाग के अफसरों के सामने बेबाकी से अपनी बात रखी। एमएसएमई को बढ़ाने से जुड़े तमाम सुझाव दिए। समस्याओं को बताया। कहा कि एमएसएमई इकाइयां शहर के उद्योगों की रीढ़ हैं जो सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार देती हैं। इस दौरान शहर में आईटी पार्क, इलेक्टि्रक व्हीकल (ईवी), डिफेंस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए बड़ा निवेश लाने, विभाग की कार्यशैली में सुधार लाने, एयरपोर्ट में सुविधाएं बढ़ाने, बड़े शहरों के लिए नियमित और सुबह की उड़ानें शुरू कराने की बात कही गई।

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पहले सत्र में स्थानीय चुनौतियां और अवसर विषय पर चर्म निर्यात परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष असद ईराकी ने कहा कि एमएसएमई शहर की ग्रोथ इंजन हैं। चर्म उद्योग शहर का बड़ा उद्योग है। मौजूदा समय में ब्यूरोक्रेसी एक बड़ी चुनौती है। उद्योग से जुड़ी क्लीयरेंस आसान प्रक्रिया होनी चाहिए। सिंगल क्लीयरेंस पोर्टल सुविधा लागू हो। इसके अलावा अनुशासित और कुशल श्रमिक उद्योगों को मिलें। इस संबंध में उन्होंने चीन का उदाहरण दिया। उद्यमियों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने की बात कही। इस दौरान निर्यातकों के लिए लाई गई निर्यात नीति की सराहना की।



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