07:06 PM, 12-Sep-2025

उद्यमी को प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलता- मयूर धीरवानी

आईआईए मयूर धीरवानी ने कहा कि एमएसएमई को सही से चलाएं तो देश विकसित बनेगा। सबसे पहले उद्योग लगाना और उसे चलना दोनों अलग अलग मामले हैं। जमीन न होना बड़ी समस्या है। विकास शुल्क ज्यादा है। उद्यमी को प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलता। मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही। बिजली निगम को पूंजी दे सरकार ताकि वे सुविधा दे सकें। जर्जर लाइन जड़ से बदली जाएं। लोकल अथॉरिटी को सवाल उठाने होंगे। फंड उपलब्ध कराया जाए जिससे बिजली की समस्या थमे।  करार का आंकड़ा बताता है कि उद्योग स्थापना में अड़चन है। इन्वेस्ट यूपी में एक नोडल होना चाहिए। जो समस्याओं का समाधान कर सके। टीम बने और संचालन तक सहयोग करें। 

06:59 PM, 12-Sep-2025

सरकारी योजनाओं पर बैंक लगा रहे पलीता- अजय शुक्ला 

भोजीपुरा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष अजय शुक्ला ने कहा कि क्षेत्र में बिजली की समस्या है। फीडर अलग बना उससे थोड़ी राहत मिली। सुरमा बरेली की धरोहर है। इतने आर्टिजंस (कुशल कारीगर) है जिले में लेकिन उनकी कद्र नहीं हो रही। अर्बन हाट में इन्हें भी जगह मिलनी चाहिए। सरकार ने गूगल सर्वे किया तो प्रदूषण विभाग के लोग भोजीपुरा पहुंचे। ऐसे उद्यमी के यहां पहुंचकर उसे पीड़ित किया। इंस्पेक्टर राज की कमी जीएसटी वाले पूरी कर रहे हैं। पीएम, सीएम योजना की स्कीम अच्छी है लेकिन बैंक इसे पलीता लगा रहे हैं। जो फार्म रिजेक्ट हो रहे हैं इसे दिखवाना चाहिए। बड़ा मुद्दा ये है कि एक फैक्टरी आरएंडी की व्यवस्था थम सके।

06:53 PM, 12-Sep-2025

रजत मेहरोत्रा ने रखे अपने विचार 

फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र के सचिव रजत मेहरोत्रा ने कहा कि फरीदपुर में निजी औद्योगिक क्षेत्र है। जबकि सुविधाएं वहां नहीं है।  इज ऑफ डूइंग बिजनेस का लाभ नहीं मिल रहा। कोई नई इंडस्ट्री लगाना मुश्किल है। सिंगल विंडो से जरूरी दस्तावेज एनओसी मिले। उद्योग बंधु की बैठक में मुद्दे नहीं सुलझ रहे। प्रोपर निगरानी होनी चाहिए। उद्यमी तमाम कार्य करते हैं पर विभागों में कोई इज्जत नहीं मिलती। 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य है। माइक्रो इंडस्ट्री को लार्ज बनना कठिन है। बिजली नहीं मिल रही। इंडस्ट्री फीडर से बाहर के कनेक्शन हो रहे हैं। नया फीडर लगना चाहिए। एफएमपीपी सरचार्ज लगा है, जिस पर अंकुश लगना चाहिए। 

06:42 PM, 12-Sep-2025

बरेली भी हो रही विकसित- अशोक गोयल 

अशोक गोयल ने कहा कि साल 1982 में माइक्रो यूनिट लगाई और मीडियम तक आ चुका हूं। विश्वस्तरीय लग्जरी आइटम गद्दे बनाता हूं। जो पूरे देश में पहुंच रहे हैं। भारत ही नहीं बरेली भी विकसित हो रहा है। उपलब्ध संसाधन में कैसे विकास करेंगे यह सोचना होगा। बरेली में रह रहे हैं, वे इसी में अपना विकास कर सकते हैं।

06:40 PM, 12-Sep-2025

उद्यमी को मिले सरकार की नीति का लाभ 

उन्होंने कहा कि नए उद्योग का एक हजार दिन तक निरीक्षण नहीं होगा लेकिन इसका लाभ एक भी उद्यमी को नहीं मिला। इंडस्ट्रियलिस्ट की पीड़ा सब रजिस्ट्रार से है। यूपीसीडा के प्रयास, उपायुक्त अब इनके आगे फेल हो जाते हैं। उत्पीड़न करते हैं। सोलर एनर्जी लगवाने पर छह छह माह बिल में एडजस्ट नहीं हो रहा। एबिटी मीटर नहीं लगे। जो बिल पहले था वही आज भी है। ऊपर से बैंक को ब्याज भी देना पड़ रहा है। सरकार की नीति का लाभ उद्यमी को मिले इसकी निगरानी होनी चाहिए।

06:39 PM, 12-Sep-2025


कॉन्क्लेव के मंच पर उद्यमी व अतिथिगण
– फोटो : अमर उजाला

आईटीआई की निगरानी जरूरी- एके सिंह 

एसके सिंह ने कहा कि आर्टिजंस (कौशल) का जिला है। इसे उभारना होगा। इनके पास मूलभूत सुविधा नहीं है। जबकि इनके उत्पाद दुनिया में पहुंच रहे हैं। उन्हें सुविधा देनी होगी। क्वालिटी स्किल्ड लेबर आईटीआई से मिलेगी लेकिन उससे भी अच्छे लोग नहीं मिल रहे हैं। इलेक्ट्रिशियन, वेल्डर, फिटर नहीं मिलते। आईटीआई की निगरानी जरूरी है। सरकार के जियो का क्रियान्वयन सही तरीके से होना जरूरी है। 

 

06:33 PM, 12-Sep-2025

‘विशेषज्ञ लोगों से संवाद का मौका मिले’

रामा श्यामा पेपर्स के डायरेक्टर डॉ. अभिनव अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने एमएसएमई के लिए काम किया है। पॉलिसीज में कंसल्टेंट की जरूरत है। युवा उद्यम करना चाहते हैं। संसाधन है लेकिन सफलता मिलेगी या नहीं, इसका असमंजस है। विशेषज्ञ लोगों से संवाद का मौका मिले, तभी विचार को धरातल पर उतारा जा सके। एआई का प्रयोग कैसे करें। स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाए जाएं। प्लाईवुड के सामने टिंबर न मिलने पर एक्सपोर्ट कर रहे हैं। जीएसटी में प्लाईवुड 18 प्रतिशत पर ही है। जो स्टार्टअप करना चाहते हैं उनके लिए मॉड्यूलर फर्नीचर का स्कोप है। देश में इंडस्ट्री के विकास के लिए चल रही रेल सेवा से बरेली भी कनेक्ट हो सके, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। इंसेंटिव पॉलिसी में पुरानी इंडस्ट्री को भी जोड़ना होगा। 

06:27 PM, 12-Sep-2025


एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव के मंच पर अतिथिगण
– फोटो : अमर उजाला

डॉ मनीष ने कहा कि सरकार काम कर रही है लेकिन जो मंशा है उसे पूरी करने के लिए बेहद प्रयास करना होगा। जब तक प्रति व्यक्ति आय नहीं बढ़ेगी तब तक विकास बेकार है। सौ करोड़ के प्लांट पर पांच करोड़ की सब्सिडी का कोई मतलब नहीं। रोजगार नहीं है। एजुकेशन, आरएनडी पर काम करना होगा। विदेश में यूनिवर्सिटी सरकार नहीं बल्कि दक्ष व्यक्ति चला रहा है। क्लस्टर फूड टेस्ट लैब बनानी चाहिए ताकि माल की गुणवत्ता पता चल सके। क्वालिटी बढ़ानी है तो ग्रीन टेक्नोलॉजी पर काम करना होगा।

06:27 PM, 12-Sep-2025

एमएसएमई से गुजरता है विकसित भारत का रास्ता 

डॉ मनीष शर्मा ने कहा कि पांच लाख के लोन से कुछ नहीं होगा। 1987 में पांच लाख का लोन मिला सब बेकार गया। विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा। बीटेक करने वाले विद्यार्थी के लिए स्किल डेवलपमेंट का प्रयास किया पर वो सफल नहीं हुआ। विकसित भारत का रास्ता एमएसएमई से होकर गुजरता है। लेकिन विद्यार्थियों को कौशल विकास करना होगा। नौवीं क्लास का बच्चा छठी क्लास का सवाल हल नहीं कर पाता। 

06:18 PM, 12-Sep-2025

डिजिटल मार्केटिंग भी जरूरी 

घनश्याम खंडेलवाल ने कहा कि माल बेचने के लिए डिजिटल मार्केटिंग का तरीका जरूरी है। विज्ञापन का तरीका भी नया होना चाहिए। इन पर भी विचार होना चाहिए। लक्ष्यों को लेकर भी प्रतिमाह प्रशासन के साथ बैठक जरूरी है ताकि उससे मिले इनपुट पर कार्य हो। माइक्रो से कुछ नहीं होगा। मीडियम इंडस्ट्री की जरूरत है। 



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