आगरा की उटंगन नदी में दशहरे के दिन कुसियापुर गांव के 13 लोग मूर्ति विसर्जन के दाैरान खनन के गहरे में डूब गए थे। इनमें से एक युवक विष्णु को तुरंत ही बचा लिया था। बाकी 12 लोगों में से 3 के शव ग्रामीण और पुलिस ने उसी दिन और 2 के शव अगले दिन राहत बचाव दल ने निकाले थे। इसके बाद दलदल में फंसी करन की लाश को भी रविवार को निकाल लिया गया। छह लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टुकड़ी लगी हुई है। लेकिन खनन के गहरे गड्ढे में फंसे लोगों को निकालना मुश्किल हो गया। अधिकारियों का कहना है कि इसका कारण गड्ढे में लगातार बढ़ रही बालू और मिट्टी की परत है। इससे गड्ढे की गहराई करीब 7 फीट कम हो गई, लेकिन परत चढ़ने से लोगों के दबने की आशंका भी बढ़ गई।
पानी का दबाव और दलदल से हो रही परेशानी
2 अक्तूबर को हुए हादसे के बाद से ही राज्य व राष्ट्रीय आपदा मोचन दल और सेना के जवानों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था। एनडीआरएफ की टीम के निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया था कि जिस स्थान पर युवक डूबे हैं, वहां पर 25 फीट का गहरा गड्ढा है। इसके अलावा आस-पास 10 से 15 फीट के गड्ढे हैं। उन्होंने लोगों के उसी 25 फीट के गड्ढे में दबे होने की आशंका जाहिर की। लगातार सर्च ऑपरेशन के बाद भी सफलता न मिलने का कारण गिर रही ढाय, मिट्टी और बालू की परत है। जब जवान उस गड्ढे में उतरते हैं तो पानी का दबाव और दलदल कार्य में बाधा बनता है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि यह गड्ढे खनन के कारण हुए हैं।
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आगरा की उटंगन नदी पर बांध बनाने के लिए पानी रोकती जेसीबी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
हाथों से मिट्टी हटाकर निकाले थे शव
घटनास्थल पर माैजूद एसीपी सुकन्या शर्मा ने बताया कि राज्य व राष्ट्रीय आपदा मोचन दल और सेना के जवानों को सर्च ऑपरेशन में दलदल के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढे में परत चढ़ने से लापता लोगों की तलाश में देरी हो रही है। 3 अक्तूबर को भी एनडीआरएफ के जवानों ने 2 शव हाथों से 2 से 3 फीट मिट्टी हटाकर निकाले थे। इसके बाद से स्कूबा डाइवर हाथों से ही मिट्टी हटाकर लोगों की तलाश में लगे हैं।
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आगरा की उटंगन नदी पर बांध बनाते ग्रामीण
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
रविवार शाम को मिला करन का शव
युवक करन (21) का शव रविवार शाम को मिल गया। सर्च ऑपरेशन में लगीं राज्य व राष्ट्रीय आपदा मोचन दल और सेना के जवानों ने ग्रामीणों की मदद से कंप्रेसर मशीन का प्रयोग कर गड्ढे से मिट्टी हटाकर शव बाहर निकाला। 6 लोग अब भी लापता हैं। उनकी तलाश के लिए सोमवार सुबह से अभियान चलाया जाएगा।
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आगरा की उटंगन नदी पर डूबे लोगों की तलाश
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बनाया गया अस्थायी बांध
शनिवार को डूबे हुए युवकों को निकालने के लिए अस्थायी बांध बनाया गया है। मगर धाैलपुर के पार्वती बांध से 2107 क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से बांध डूब गया। वहीं जलस्तर भी 2 से 3 फीट तक बढ़ गया। इस कारण रविवार को पानी निकालने का काम शुरू नहीं हो सका। दूसरी तरफ बैरिकेडिंग भी नहीं की जा सकी। इस कारण एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ ही सेना के स्कूबा डाइवर तलाश में जुटे रहे। शाम तकरीबन 6 बजे नदी में कंप्रेसर की मदद से मिट्टी हटाने का काम शुरू कराया गया।
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आगरा की उटंगन नदी के पानी की धारा बदलने के लिए नाला बनाते हुए
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
30 मिनट तक हटाई मिट्टी, तब बाहर आया करन का शव
स्कूबा डाइवर के 30 मिनट तक मिट्टी हटाने से करन का शव बाहर आ गया। इस पर पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। डीसीपी पश्चिमी जोन अतुल शर्मा ने बताया कि कंप्रेसर की मदद से मिट्टी को हटाया गया। तब एक मृतक के शव को निकाला गया है। रात होने की वजह से सर्च ऑपरेशन को रोक दिया गया। सोमवार सुबह 6 बजे से एक बार फिर से खोज की जाएगी।