
Mukhtar Ansari Death
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माफिया मुख्तार को जेल से मेडिकल कॉलेज लाते ही, डीआईजी अमित कुमार, कमिश्नर बालकृष्ण त्रिपाठी के अलावा डीएम व एसपी भी डटे रहे। भारी पुलिस फोर्स, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स फोर्स ने पूरे मेडिकल काॅलेज को घेर रखा था। कोई भी बाहरी व्यक्ति भीतर नहीं जा सकता था। मेडिकल कॉलेज के मरीजों के पास भी सिर्फ एक-एक तीमारदार को छोड़कर सभी को बाहर कर दिया गया।
इमरजेंसी में सिर्फ गंभीर मरीजों को एक तीमारदार के साथ ही जाने दिया जा रहा था। मेडिकल कॉलेज के एक कमरे में ही सभी आलाधिकारियों ने बैठक कर पोस्टमार्टम से लेकर शव को गाजीपुर के लिए रवाना किए जाने तक की रणनीति बनाई। गाजीपुर के रूट प्लान पर चर्चा की गई। शव के साथ 15 से 20 गाड़ियां पुलिस और प्रशासन की रखे जाने की बात तय की गई।
अधिकारियों को यह भी आशंका रही कि परिजनों के मेडिकल कॉलेज पहुंचने के बाद किसी तरह का हंगामा न हो, इसके लिए भी कई वज्र वाहन और दमकल की गाड़ियां भी मेडिकल कॉलेज के बाहर खड़ी करा दी गईं हैं।