Mukhtar Ansari had amazing influence in jail mobile phones  SIM and Bulletproof Jacket were found in barrack

माफिया मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया

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मऊ से पूर्व विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पूर्व विधायक का केंद्रीय कारागार, आगरा में निरुद्ध रहने के दौरान काफी दबदबा रहा था। जेल की बैरक में वह आराम से रहता था। बाहर गुर्गे सक्रिय रहते थे। जेल में मुलाकात से लेकर पेशी के दौरान पुलिस की गाड़ियों का पीछा तक करते थे।

25 साल पहले पुलिस प्रशासन की टीम ने मुख्तार की बैरक में छापा मारकर बुलेट प्रूफ जैकेट, मोबाइल और सिम बरामद किया था। मामले में थाना जगदीशपुरा में मुकदमा दर्ज हुआ था। केस सुनवाई स्पेशल जज एमपी-एमएलए की कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट में 21 में से 17 लोगों की गवाही हो चुकी थी।

मामला 18 मार्च 1999 का है। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी केंद्रीय कारागार की बैरक नंबर 5 में निरुद्ध थे। तब तत्कालीन डीएम आरके तिवारी और एसएसपी सुबेश कुमार सिंह ने पुलिस के साथ कारागार में छापा मारा था। इस दरम्यान मुख्तार अंसारी की बैरक की तलाशी भी लगी गई थी। इसमें बुलेट प्रूफ जैकेट, मोबाइल और सिम बरामद किया गया था। इस मामले मेंं थाना जगदीशपुरा में तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला ने मुकदमा दर्ज कराया था।

इस केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए की कोर्ट में चल रही थी। इस मामले में मुख्तार की वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी कराई जा रही थी। केस में 21 गवाह थे। इनमें से वादी शिवशंकर शुक्ला, तत्कालीन डीएम आरके तिवारी, एसएसपी सुबेश कुमार सिंह, एसपी सिटी डीसी मिश्रा, एडीएम सिटी एके सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट पीएन दुबे सहित 17 की गवाही पूरी हो चुकी है। विवेचक समेत अन्य 4 की गवाही होना बाकी थी। उसकी मौत से गवाही पूरी नहीं हो सकी। 4 अप्रैल को सुनवाई होनी थी। अब मौत से केस खत्म हो जाएगा।

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