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माफिया मुख्तार अंसारी ने राजधानी लखनऊ में भी खूब दहशत फैलाई थी। वर्ष 2004 में कैंट इलाके में मुख्तार और कृष्णानंद के गिरोह आमने-सामने होने पर दोनों के बीच जमकर गोलियां चली थीं। हालांकि उसमें कोई हताहत नहीं हुआ था।
मामले में दोनों तरफ से एफआईआर भी दर्ज की गई थीं। तब मुख्तार की दहशत इस कदर थी कि केस के विवेचक उसका बयान दर्ज कराने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे थे। विधायक निवास पर सुरक्षा बल के साथ विवेचक ने तब बयान दर्ज किए थे।
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लखनऊ में दर्ज हैं आठ केस
मुख्तार अंसारी पर लखनऊ में कुल आठ केस दर्ज किए गए। डालीबाग में शत्रु संपत्ति कब्जाने के मामले के अलावा वर्ष 1999 में राजधानी में ही जेलर व डिप्टी जेलर पर हुए पथराव में भी उसके खिलाफ केस दर्ज हुए थे।
वर्ष 2003 में धमकी देने के मामले के अलावा हजरतगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। वर्ष 2022 में इस केस में उसको सजा भी सुनाई गई थी।