Mukhtar's illness in question: Highest number of prisoners died due to heart attack in UP, number of deaths in

मुख्तार अंसारी की मौत
– फोटो : अमर उजाला

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 बांदा जेल में सजा काट रहे माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद जेल प्रशासन सवालों के घेरे में है। उनके परिजनों का आरोप है कि मुख्तार को खाने में जहर देकर मारा गया। हालांकि बीते कुछ सालों के दौरान यूपी की जेल में जहर से किसी बंदी की मौत होने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। यदि एनसीआरबी की रिपोर्ट पर गौर करें तो पता चलता है कि देश भर में जेलों में होने वाली बंदियों की मौत की सबसे बड़ी वजह दिल की बीमारी है।

एनसीआरबी की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर की जेलों में हुई बंदियों की मौत के मामले में यूपी पहले स्थान पर था। वर्ष 2022 में यूपी की जेलों में कुल 375 बंदियों की मृत्यु हुई थी। इनमें से 351 मौतों की वजह सामान्य जबकि 24 मौतें असामान्य थी। इनमें से 295 बंदियों की मृत्यु बीमारी और 54 की अधिक उम्र होने की वजह से हुई थी।

अगर बंदियों की बीमारी पर नजर डालें तो 68 की मृत्यु दिल की बीमारी, 53 की फेफड़ा खराब होने, 12 की लीवर व छह की किडनी खराब होने, 23 कैंसर, 12 टीबी, पांच ब्रेन हेमरेज और एक की एचआईवी की वजह से हुई। वहीं असामान्य मौतों की बात करें तो वर्ष 2022 में 12 बंदियों की मृत्यु आत्महत्या करने, एक की मौत बाहरी लोगों के हमले, पांच की दुर्घटना और आठ की अन्य कारणों से हुई थी। गौरतलब है कि देश भर की जेलों में असामान्य वजहों से होने वाली मौतों के मामले में भी यूपी पहले स्थान पर है।जजेलो

जेलों में बढ़ जा रही मौतों की संख्या

प्रदेश की जेलों में बंदियों की होने वाली मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कारागार विभाग के मुताबिक वर्ष 2019 में जेलों में 427 बंदियों की मृत्यु हुई थी, जो वर्ष 2020 में बढ़कर 436 हो गई। इसी तरह वर्ष 2021 में 478 बंदियों की और वर्ष 2022 में 501 बंदियों की मृत्यु हुई थी। हालांकि कारागार विभाग और एनसीआरबी के आंकड़ों में थोड़ा फर्क भी है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में यूपी की जेलों में 434 बंदियों की मृत्यु हुई थी। जबकि वर्ष 2021 में 481 और वर्ष 2022 में 375 बंदियों की मौत हुई थी।

दिल की बीमारी से 25 फीसदी बंदियों की मौत

वहीं देश भर के आंकड़ों पर नजर डालें तो 25 फीसद से अधिक बंदियों की मौत दिल की बीमारी से होने की पुष्टि होती है। वर्ष 2022 में देश भर की जेलों में 1773 बंदियों की मौत हुई, जिसमें से 428 की मृत्यु दिल की बीमारी होने की वजह से हुई थी।

 



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