
कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लोकसभा चुनाव 2009 में एटा संसदीय सीट पर पूरे सूबे की निगाहें थीं। यह हॉट सीट बन गई थी। जहां यूपी के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। मुलायम सिंह यादव के समर्थन पर कल्याण सिंह यहां से पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे।
एक ओर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव थे। जिन्हें अयोध्या में कारसेवकों पर गोलीकांड के बाद मौलाना मुलायम जैसा नाम दे दिया गया था, तो दूसरी ओर थे प्रखर हिंदूवादी नेता कल्याण सिंह। जिनका राजनीति कॅरिअर अयोध्या और हिंदुत्व के मुद्दे पर परवान चढ़ा था। दोनों ही बड़े नेता थे और दोनों की विचारधारा अलग-अलग थी, लेकिन 2009 का वक्त ऐसा आया कि ये दोनों विपरीत विचारधारा के नेता साथ खड़े हो गए।