
फुफेरा भाई रखता था गलत नजर
महक ने आचार्य केके शंखधार को बताया कि उनका फुफेरा भाई उस पर गलत नजर रखता था। उसने दबाव बनाया कि महक से उसका निकाह हो जाए लेकिन महक को यह पसंद नहीं था। घरवाले उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। तब महक ने ऋषि को पूरी बात बताई और फिर उसके साथ जाने को घर छोड़ दिया।
दोनों बरेली आए और अगस्त्य मुनि आश्रम में आचार्य केके शंखधार से मिले। आचार्य ने दोनों की उम्र आदि का प्रमाण देखने के बाद पहले महक का शुद्धिकरण कराया, फिर दोनों ने सात फेरे ले लिए और हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली। दोनों के विवाद के वीडियो भी सामने आए हैं।
हिजाब और हलाला पसंद नहीं
महक ने बताया कि मुस्लिम धर्म में हिजाब, बहुविवाह और हलाला जैसे नियम हैं जो उसे पसंद नहीं हैं। इसलिए उसकी आस्था हिंदू धर्म में हो गई। महक का कहना है कि उसने स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपनाया है क्योंकि उसे यहां सम्मान और सुरक्षा की भावना मिली।
महक ने बताया कि वह ऋषि से बहुत प्यार करती है और उसके साथ सुरक्षित महसूस करती है। उसने कहा कि ऋषि और वह एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते। अगर किसी ने उन्हें अलग करने की कोशिश की तो वह दोनों जान दे देंगे।