उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर नुमाइश मैदान Muzaffarnagar में आयोजित प्रदर्शनी में कृषि विभाग के स्टालों ने मुख्य आकर्षण के रूप में किसानों को अपनी ओर खींचा। इस अवसर पर विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ किसानों को कई सरकारी लाभ उठाने के तरीकों की विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।
कृषि योजनाओं का हुआ प्रचार-प्रसार
प्रदर्शनी में भूमि संरक्षण अनुभाग ने अपनी योजनाओं को प्रमुखता से प्रस्तुत किया। इनमें पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना, खेत तालाब योजना, और मनरेगा के तहत योजनाएं शामिल थीं। स्टाल पर आए किसानों को विस्तार से समझाया गया कि कैसे ये योजनाएं उनकी आय को बढ़ाने और खेती को अधिक लाभदायक बनाने में मदद कर सकती हैं।
खेत तालाब योजना पर विशेष जोर
कृषि विभाग के अधिकारियों ने खेत तालाब योजना की जानकारी देते हुए बताया कि किसान अपने खेत में 22ग्20ग्3 मीटर का तालाब बनवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें 50% अनुदान या अधिकतम ₹52,500 की सहायता दी जाएगी। यह अनुदान दो किस्तों में सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
अधिकारी ने किसानों को इस योजना के लाभों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि खेत तालाब न केवल सिंचाई की समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि यह जल संरक्षण और मत्स्य पालन जैसे अतिरिक्त आय के साधन भी प्रदान करता है।
पंपिंग सेट पर भी अनुदान
कृषि विभाग ने पंपिंग सेट खरीदने वाले किसानों के लिए भी अनुदान की घोषणा की। किसान 50% या अधिकतम ₹15,000 तक की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा किसानों की सिंचाई क्षमता को बढ़ाने और उनके कृषि कार्यों को आसान बनाने के लिए दी जा रही है।
कैसे करें योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण
स्टाल पर मौजूद अधिकारियों ने किसानों को बताया कि सभी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उन्हें कृषि विभाग के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए नजदीकी भूमि संरक्षण अधिकारी या विकास भवन से संपर्क किया जा सकता है।
मनरेगा के तहत किसानों को मिली नई राह
प्रदर्शनी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत मिलने वाली सुविधाओं को भी विस्तार से बताया गया। किसानों को अवगत कराया गया कि कैसे इस योजना के तहत तालाब निर्माण और अन्य भूमि सुधार कार्यों के लिए श्रम प्रदान कर वे अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।
कृषकों का उत्साह चरम पर
इस कार्यक्रम में जिले के कई किसान उत्साह के साथ शामिल हुए। किसानों ने इन योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक सुनहरा अवसर है।
एक किसान, रामकुमार, ने कहा, “खेत तालाब योजना मेरे जैसे छोटे किसानों के लिए एक वरदान है। इससे मेरी सिंचाई लागत कम होगी और पानी की कमी की समस्या का समाधान मिलेगा।”
वहीं, अन्य किसान सुरेश ने बताया, “पंपिंग सेट पर अनुदान की जानकारी मिलने से मुझे काफी राहत मिली है। यह योजना मेरी खेती को और बेहतर बनाएगी।”
योजनाओं की जानकारी का अभाव
हालांकि, कई किसानों ने यह भी शिकायत की कि योजनाओं की जानकारी पहले नहीं मिल पाती। इसके जवाब में अधिकारियों ने कहा कि वे इस प्रकार की प्रदर्शनियों और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका सराहनीय
इस आयोजन को सफल बनाने में स्थानीय प्रशासन की भी अहम भूमिका रही। मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “कृषि हमारे प्रदेश की रीढ़ है। ऐसे कार्यक्रम किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में मदद करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।”
कार्यक्रम में अन्य विभागों की सहभागिता
इस प्रदर्शनी में अन्य विभागों ने भी भाग लिया, जैसे कि पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, और कृषि यंत्र निर्माता। इन विभागों के स्टालों ने किसानों को उन्नत तकनीक और उपकरणों के बारे में जानकारी दी।
योजनाओं से किसानों की आय में बढ़ोतरी की उम्मीद
सरकार का दावा है कि इन योजनाओं से न केवल किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र की प्रगति को भी नया आयाम मिलेगा।
आगे की योजनाएं
कृषि विभाग ने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में और भी योजनाएं लाई जाएंगी, जो किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे को पूरा करने में सहायक होंगी।