छपार/(Muzaffarnagar)थाना छपार क्षेत्र के बरला-बसेड़ा मार्ग पर एक ऐसा भीषण हादसा हुआ जिसने एक पूरे परिवार की जिंदगी तबाह कर दी। देर शाम का वक्त, सड़क पर शोरगुल कम, और तभी अचानक एक अज्ञात ट्रैक्टर ट्राली ने एक स्विफ्ट कार को अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में कार में सवार दो महिलाएं और दो नन्हीं बच्चियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्चा और उसका पिता गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे का मंजर: खून, चीखें और मौत का सन्नाटा
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जो नजारा देखा, वो किसी को भी सिहरा देने वाला था। कार का बॉनिट पूरी तरह से मुड़ चुका था, शीशे चकनाचूर हो चुके थे, और सड़क पर खून के छींटे दूर-दूर तक बिखरे हुए थे। आसपास से गुजर रहे लोगों ने बताया कि ट्रैक्टर ट्राली चालक ने जानबूझकर या लापरवाही में तेज रफ्तार से कार को टक्कर मार दी और वहां से फरार हो गया।
पीड़ित परिवार की पहचान और दर्द भरी कहानी
मृतकों में मेरठ निवासी जुनैद की पत्नी खुशनुमा (38 वर्ष), उनकी बेटी सानिया (20 वर्ष), और दो नन्हीं नातिनें तुबा (5 वर्ष) और मीरहा (3 वर्ष) शामिल हैं। जुनैद और उनका बेटा इस वक्त जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। परिवार मेरठ से देवबंद जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी जिंदगी का सफर खत्म हो गया।
पुलिस की कार्रवाई और चालक की धर-पकड़ की तलाश
हादसे के बाद पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, घायलों को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने ट्रैक्टर ट्राली चालक की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस इलाके में अक्सर ओवरलोडेड ट्रैक्टर ट्रालियां बिना किसी नियम का पालन किए तेज रफ्तार से चलती हैं, जिससे ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।
यूपी की सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाएं: सरकार कब सुधरेगी?
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में यह क्षेत्र कई बड़ी दुर्घटनाओं का गवाह बन चुका है। अक्सर ओवरस्पीडिंग, लापरवाह ड्राइविंग और वाहनों की खराब हालत इसकी वजह बनती है। सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इन हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?
क्या हो सकता है आगे?
पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और चालक की तलाश जारी है। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों ने न्याय की मांग की है। स्थानीय नेताओं ने भी इस घटना पर संवेदना जताई है और मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की बात कही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ मुआवजा देकर ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकता है?
जागरूकता ही बचाव है
इस दुर्घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर वाहन चालक थोड़ी सी भी सावधानी बरतें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें, तो ऐसी घटनाओं को टाला जा सकता है। सरकार और प्रशासन को भी सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि आने वाले दिनों में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न हों।