Muzaffarnagar बिजनौर जिले में एक बड़ा विवाद सामने आया है, जहां जेल में बंद पूर्व विधायक Shahnawaz Rana से मोबाइल फोन बरामद होने के बाद पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मामला तब और गर्माया जब पता चला कि जेल में इस्तेमाल की जा रही SIM कार्ड एक स्थानीय व्यक्ति के नाम पर जारी की गई थी, जिसके पीछे एक और पूर्व विधायक का हाथ होने का आरोप लग रहा है।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व विधायक शाहनवाज राना पिछले कुछ महीनों से जिला जेल में बंद थे। 25 मार्च की रात जेल अधिकारियों ने अचानक छापेमारी की तो उनके पास से एक छोटा मोबाइल फोन बरामद हुआ। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि इस फोन में लगी SIM कार्ड शेरकोट के एक व्यक्ति आमिर के नाम पर थी।
पुलिस ने आमिर को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि यह SIM कार्ड बिजनौर के ही एक अन्य पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी ने मंगवाया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यह SIM कार्ड शाहनवाज राना तक पहुंचा कैसे? क्या जेल प्रशासन की मिलीभगत थी, या फिर यह कोई बड़ा साजिश का हिस्सा है?
जेल प्रशासन पर सवाल, हेड वार्डन निलंबित
इस मामले में जेल प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है। पूर्व विधायक को तन्हाई बैरक में रखा गया था, जहां सुरक्षा के सख्त इंतजाम होने चाहिए थे। मगर मोबाइल फोन की बरामदगी के बाद हेड वार्डन रामरूप को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, चार अन्य जेल कर्मचारियों की भूमिका की जांच चल रही है।
क्या कोर्ट में पेशी के दौरान मिला था मोबाइल?
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि यह मोबाइल फोन पूर्व विधायक को कोर्ट में पेशी के दौरान दिया गया था। मोबाइल देने वाला शख्स बिजनौर का ही रहने वाला है और शाहनवाज राना का परिचित बताया जा रहा है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस SIM कार्ड का इस्तेमाल किन-किन लोगों से संपर्क करने के लिए किया गया।
राजनीतिक रिश्तों का पेंच
मामला और भी दिलचस्प इसलिए हो जाता है क्योंकि शाहनवाज राना और मोहम्मद गाजी दोनों पूर्व विधायक हैं और दोनों के बीच रिश्तेदारी भी है। शाहनवाज राना के बेटे आजम राना का विवाह मोहम्मद गाजी की बेटी से हुआ है, यानी दोनों समधी हैं। अब सवाल यह है कि क्या यह मामला सिर्फ एक मोबाइल फोन तक सीमित है, या फिर इसमें कोई बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र छुपा हुआ है?
क्या कहती है पुलिस?
एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि आमिर के बयान के आधार पर जांच की जा रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि SIM कार्ड शाहनवाज राना तक कैसे पहुंचा। पुलिस ने आमिर को नोटिस देकर छोड़ दिया है, जबकि मोहम्मद गाजी को भी नोटिस जारी किया गया है।
क्या होगा आगे?
अब सबकी नजरें पुलिस जांच पर टिकी हैं। क्या जेल में बंद कैदियों को मोबाइल फोन पहुंचाने वाले गिरोह का पता चलेगा? क्या इस मामले में और बड़े नाम सामने आएंगे? या फिर यह मामला राजनीतिक दबाव में दब जाएगा? जांच जारी है, और जल्द ही नए खुलासे हो सकते हैं।
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