Muzaffarnagar। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) की टीम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने वाले हैं। जिले के गांव जोला में ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए विभाग ने न केवल 1 कुंतल खराब खोया जब्त कर नष्ट कराया, बल्कि दूध और मावा के 5 विधिक नमूने भी संग्रहित किए हैं।
खराब खाद्य सामग्री पर चला डंडा, 30 हजार का खोया किया गया नष्ट
सहायक आयुक्त खाद्य श्रीमती अर्चना धीरान और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिव कुमार मिश्रा के नेतृत्व में छापेमारी अभियान को अंजाम दिया गया। ग्राम जोला, थाना बुढ़ाना में जुनैद पुत्र इस्तीकार से भैंस के दूध और खोया के नमूने लिए गए। इसके अलावा मुबारिक अली पुत्र इंतजार अली और फुरकान पुत्र सत्तार से भी खोया के विधिक सैंपल लिए गए। रिजवान नामक व्यक्ति के पास से मावा का एक नमूना संग्रहित किया गया।
छापेमारी के दौरान लगभग 1 कुंतल खोया अत्यंत अस्वच्छ अवस्था में पाया गया, जिसे मौके पर ही नष्ट करा दिया गया। इसका बाजार मूल्य करीब 30,000 रुपये आंका गया है। यह कार्यवाही न केवल कानूनी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सशक्त संदेश गया है।
खाद्य प्रयोगशाला भेजे गए सभी सैंपल, रिपोर्ट के बाद होगी कड़ी कार्रवाई
टीम द्वारा एकत्रित सभी पांच सैंपलों को खाद्य प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है, जो खाद्य उत्पादकों को भविष्य में लापरवाही से बचने की चेतावनी देगा।
टीम में कौन-कौन थे शामिल?
इस कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार, सुनील कुमार, विशाल चौधरी और गवैभव की अहम भूमिका रही। सभी ने मिलकर गांव जोला में गहनता से निरीक्षण किया और जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए कार्य को अंजाम दिया।
मुजफ्फरनगर में खाद्य सुरक्षा पर बढ़ी सख्ती, जनता को राहत
यह कार्रवाई उस समय सामने आई है जब त्योहारों का मौसम निकट है और बाजारों में मिठाइयों और दूध उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में गुणवत्ता और सुरक्षा की जिम्मेदारी खाद्य विभाग के कंधों पर है, और यह छापेमारी उसी दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।
जवाबदेही तय होगी, खाद्य सुरक्षा नियमों में ढिलाई नहीं चलेगी
खाद्य विभाग के अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि किसी भी कीमत पर अस्वास्थ्यकर या मिलावटी उत्पादों को बाजार में बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ न केवल दंडात्मक कार्यवाही होगी, बल्कि भविष्य में लाइसेंस रद्द करने जैसी कठोर कार्रवाई भी की जा सकती है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय ग्रामीणों ने खाद्य विभाग की इस कार्रवाई की सराहना की है। उनका कहना है कि इस प्रकार की छापेमारी नियमित रूप से होती रहनी चाहिए ताकि लोग डर के चलते साफ-सुथरे और गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों का ही उत्पादन करें।
ऐसी कार्रवाइयों से निर्माताओं में फैलेगा डर
ऐसे मामलों में सख्ती बरतने से न केवल उपभोक्ता सुरक्षित रहेंगे, बल्कि मिलावटखोरों में भी भय का वातावरण बनेगा। मुजफ्फरनगर जैसे कृषि प्रधान जिले में दूध और दूध से बने उत्पादों की बहुतायत है, ऐसे में गुणवत्ता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
**मुजफ्फरनगर में खाद्य विभाग की यह कार्रवाई आने वाले समय में कई और ऐसे अस्वच्छ उत्पादकों के खिलाफ मुहिम की शुरुआत मानी जा रही है। त्योहारों के मौसम में मिलावट रोकने के लिए विभाग हर कदम पर सतर्क है और जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।**