Muzaffarnagar जिले में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक युवती को उसके प्रेम-संबंधों के कारण खुद उसके पिता और भाई ने मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव को जंगल में ले जाकर जलाने की कोशिश की गई, ताकि पहचान न हो सके। परंतु पुलिस की सतर्कता और बेहतरीन जांच के चलते यह ब्लाइंड मर्डर केस सुलझ गया।


आधे जले शव से शुरू हुई जांच, जंगल में मिला था युवती का शव

3 जून को थाना ककरौली क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कटिया के जंगल में एक अधजला महिला का शव बरामद हुआ था। शव को देखकर ही यह अनुमान लगाया गया कि इसे जानबूझकर जलाने की कोशिश की गई है, जिससे पहचान छुपाई जा सके। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और पहचान की दिशा में ताबड़तोड़ प्रयास शुरू कर दिए।


सोशल मीडिया और स्थानीय जांच से मिली सफलता, मृतका की पहचान सरस्वती के रूप में हुई

ककरौली थाना पुलिस ने सोशल मीडिया और स्थानीय सूत्रों के माध्यम से शव की पहचान के लिए काफी मेहनत की। इन प्रयासों से जो जानकारी सामने आई, वह दिल दहला देने वाली थी। मृतका की पहचान सरस्वती पुत्री राजवीर निवासी ग्राम जडवड़, थाना ककरौली, मुजफ्फरनगर के रूप में हुई।


पिता और भाई ने ही रची थी हत्या की साजिश, हरदयाल भी शामिल

शिनाख्त होते ही पुलिस ने सरस्वती के पिता राजवीर और भाई सुमित को हिरासत में लिया। पूछताछ में जो सच सामने आया, वह किसी को भी झकझोर कर रख दे। दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी बेटी/बहन सरस्वती की गला दबाकर हत्या कर दी थी। इस साजिश में उनका एक सहयोगी हरदयाल निवासी रूड़की, हरिद्वार भी शामिल था जो अभी फरार है।


प्रेम-संबंध बना वजह, दो बार टूट चुकी थी शादी

गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि सरस्वती की पहली शादी 2019 में थाना भोपा क्षेत्र के मोरना गांव में हुई थी, लेकिन दो साल में वह वापस घर लौट आई। इसके बाद 2022 में शामली में दोबारा उसकी शादी की गई, जो एक साल के अंदर टूट गई। इसके बाद वह गुरुग्राम में अपने प्रेमी अमित के साथ रहने लगी और नौकरी करने लगी।

10 मई को सरस्वती दोबारा गांव लौटी और वहीं रहने लगी। 29/30 मई की रात वह अपना सामान लेकर कहीं जाने की तैयारी कर रही थी, जिसे देखकर परिवार में खलबली मच गई।


“इज्जत” बचाने के लिए बेटी की ली जान

पुलिस की पूछताछ में पिता और भाई ने बताया कि गांव में बार-बार बेटी का प्रेमी के पास जाना उन्हें बदनामी का कारण लग रहा था। लोक लाज के चलते उन्होंने हरदयाल के साथ मिलकर सरस्वती की गला दबाकर हत्या कर दी। शव को 5 किलोमीटर दूर जंगल में ले जाकर पेट्रोल डालकर जलाया और पहचान छुपाने की कोशिश की।


पुलिस की तेज़ी से खुला ब्लाइंड मर्डर केस, टीम को मिला इनाम

थाना ककरौली की तेजतर्रार टीम ने महज कुछ दिनों में इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझा लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने इस टीम को 15 हजार रुपये का पुरस्कार दिया। थाना प्रभारी जोगेन्द्र सिंह को 1000 रुपये, आरक्षी जोगेन्द्र सिंह और ललित मोरल को 500-500 रुपये का नगद इनाम दिया गया।

टीम में उपनिरीक्षक अतेन्द्र सिंह, रामसमुझ राणा, हैड कांस्टेबल जोगेन्द्र सिंह, कांस्टेबल जीतू चौधरी, सुशील कुमार, ललित मोरल आदि शामिल रहे।


फरार आरोपी की तलाश जारी, पुलिस का कहना- जल्द होगी गिरफ्तारी

इस हत्याकांड में शामिल तीसरा आरोपी हरदयाल फरार चल रहा है। पुलिस ने बताया कि उसकी तलाश की जा रही है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस हत्याकांड ने एक बार फिर समाज में “ऑनर किलिंग” के मुद्दे को उजागर कर दिया है, जहां इज्जत की आड़ में अपनों की ही जान ली जाती है।


पड़ोसियों और ग्रामीणों में रोष, महिला संगठनों ने की कड़ी निंदा

घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीण इस घटना को लेकर गुस्से में हैं और आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, महिला संगठनों ने भी इस ऑनर किलिंग की कड़ी निंदा की है और सरकार से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।


कानून का डर कब पैदा होगा?

यह घटना एक बार फिर सवाल खड़े करती है कि आखिर समाज कब बदलेगा? कब बेटियों को उनकी मर्जी से जीने का हक मिलेगा? कब “इज्जत” की आड़ में हो रही हत्याएं रुकेंगी? जवाब तो समय देगा, पर आज एक और बेटी अपनी ज़िंदगी की कीमत चुका चुकी है—अपने ही घर में।


मुजफ्फरनगर की यह ऑनर किलिंग केस एक बार फिर समाज में व्याप्त पितृसत्ता, महिला विरोधी सोच और “इज्जत” की मानसिकता को सामने लाता है। यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक सोच का अपराध है, जिसे मिटाने के लिए हमें कानून से पहले मानसिकता बदलनी होगी।



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