Muzaffarnagar के सिखेड़ा थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक मासूम बच्ची अचानक रहस्यमय तरीके से लापता हो गई। यह मामला किसी भी माता-पिता के लिए डरावना सपना था, लेकिन मुज़फ्फरनगर पुलिस की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई ने न केवल इस मासूम को सही-सलामत ढूंढ निकाला, बल्कि एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो तो कुछ भी असंभव नहीं।

गायब हुई मासूम, परिवार में मचा हाहाकार

घटना ग्राम दाहखेड़ी की है, जहां 3 वर्षीय बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। घरवालों ने जब उसे 3 बजे के आसपास नहीं देखा तो पहले सोचा कि वह आस-पास ही होगी, लेकिन जब कई घंटों तक उसकी कोई खबर नहीं मिली तो घरवालों के होश उड़ गए। हर गली, हर सड़क, हर कोने में उसे ढूंढने की कोशिश की गई, लेकिन मासूम का कोई सुराग नहीं मिला।

डायल-112 पर मदद की गुहार, पुलिस एक्शन में आई

रात 10 बजे, जब परिजनों की चिंता और डर अपने चरम पर था, तब उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सिखेड़ा थाना पुलिस तुरंत एक्शन में आई और इलाके में खोजबीन शुरू कर दी। प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस की कई टीमें बनाई गईं, जिन्होंने अलग-अलग इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया।

CCTV फुटेज और जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू

पुलिस ने सबसे पहले आस-पास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। हर छोटी से छोटी जानकारी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने यह पता लगाने की कोशिश की कि बच्ची आखिरी बार कहां देखी गई थी। इसके साथ ही गांव के जंगलों में भी गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया।

रातभर पुलिस की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन में जुटी रही। यह सिर्फ एक बच्ची को ढूंढने का मामला नहीं था, बल्कि एक परिवार की उम्मीदों को जिंदा रखने का सवाल था।

सुबह होते ही जंगल में मिली मासूम, पुलिस ने बचाई जान

लगातार खोजबीन के बाद सुबह करीब 8 बजे, पुलिस टीम ने ग्राम दाहखेड़ी के जंगलों में कुछ हलचल देखी। जैसे ही टीम वहां पहुंची, उन्हें एक झाड़ी के पास रोती हुई बच्ची दिखी। पुलिस ने तुरंत उसे सुरक्षित निकाला और पानी पिलाया। मासूम बेहद डरी हुई थी लेकिन पुलिस को देखते ही उसके चेहरे पर एक राहत की झलक आई।

बच्ची को तुरंत उसके माता-पिता के पास ले जाया गया, जहां उसे देखते ही पूरे परिवार की आंखों में आंसू आ गए।

परिजनों ने पुलिस का किया धन्यवाद

बच्ची के सकुशल मिलने के बाद पूरा गांव पुलिस की तारीफ करने लगा। बच्ची के माता-पिता ने मुजफ्फरनगर पुलिस का आभार जताते हुए कहा, “अगर पुलिस समय पर एक्शन न लेती, तो हमारी बच्ची न जाने किस हाल में होती। पूरी रात जिस तरह पुलिस ने खोजबीन की, वह काबिले-तारीफ है।”

गांववालों ने भी पुलिस के इस सराहनीय कार्य की जमकर सराहना की।

क्या बच्ची के लापता होने के पीछे कोई साजिश थी?

हालांकि, पुलिस की प्राथमिक जांच में यह एक गुमशुदगी का मामला लग रहा है, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि बच्ची अकेले जंगल तक कैसे पहुंची? क्या कोई उसे बहला-फुसलाकर वहां ले गया था, या वह खेलते-खेलते रास्ता भटक गई थी? पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है, ताकि कोई भी महत्वपूर्ण तथ्य छूट न जाए।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने की जरूरत

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि छोटे बच्चों पर नजर रखना बेहद जरूरी है। कुछ ही मिनटों की लापरवाही गंभीर परिणाम दे सकती है। अगर पुलिस तुरंत एक्शन न लेती, तो शायद बच्ची को ढूंढना और मुश्किल हो सकता था।

मुज़फ्फरनगर पुलिस की सराहनीय कार्रवाई

मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस घटना में जो तत्परता दिखाई, वह वाकई सराहनीय है। पूरे इलाके में पुलिस की इस कार्यशैली की जमकर प्रशंसा हो रही है।

ऐसे मामलों से बचने के लिए क्या करें?

  1. बच्चों को अकेले बाहर न खेलने दें।
  2. अगर बच्चा लापता हो जाए तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
  3. CCTV कैमरों की मदद से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें।
  4. गांव या कॉलोनी में अजनबियों की आवाजाही पर ध्यान दें।
  5. बच्चों को सिखाएं कि किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ न जाएं।

यह घटना एक सबक है कि सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से बड़ी से बड़ी मुसीबत को टाला जा सकता है। पुलिस की मेहनत और प्रयासों की बदौलत एक मासूम की जान बच गई। लेकिन यह भी जरूरी है कि समाज भी अपनी जिम्मेदारी समझे और बच्चों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहे।



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