Muzaffarnagar शहर के हृदयस्थल शिव चौक पर एक ऐसा आध्यात्मिक और देशभक्ति से ओतप्रोत दृश्य देखने को मिला, जिसे शब्दों में पिरोना भी चुनौतीपूर्ण है। अखिल भारत हिंदू महासभा और अंतर्राष्ट्रीय संत महासभा द्वारा आयोजित मां भगवती जागरण न केवल आस्था का केंद्र बना, बल्कि यह राष्ट्रीय भावना और वीर शहीदों की स्मृति का प्रतीक भी बन गया।
इस जागरण का मुख्य आकर्षण रहा भारतीय सेना की “ऑपरेशन सिंदूर” स्ट्राइक के समर्थन में जनता का संगठित गर्जन। वहीं, पहलगाम में आतंकियों द्वारा शहीद किए गए निर्दोष पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजन और प्रार्थना ने कार्यक्रम को और भी भावुक बना दिया।
मां भगवती जागरण में उमड़ा जनसैलाब, देशभक्ति गीतों से थर्राया शिव चौक
कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत पूजन और मां भगवती की ज्योति प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य अतिथियों में थे—राष्ट्रीय सामाजिक संस्था के अध्यक्ष व प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी, सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया, अंतर्राष्ट्रीय संत महासभा के मंत्री आचार्य अजय कृष्णा, भाजपा नेता अशोक बाठला, हिंदू महासभा के महामंत्री राजेश कौशल, महाकाल की बेटी शालू सैनी, सुमित कसाना, और अमित त्यागी। सभी अतिथियों ने मां भगवती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस जागरण की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। खुशी जागरण मंडल के बृजेश कुमार ने न केवल भव्य झांकियों का मंचन किया बल्कि मां के भजनों से ऐसा आध्यात्मिक वातावरण रच दिया कि लोग श्रद्धा में झूम उठे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भरा देशवासियों में गर्व, आतंक के खिलाफ एकजुट भारत
मनीष चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मां भगवती जागरण इस बार खास था क्योंकि यह पहलगाम में शहीद हुए पर्यटकों की स्मृति में समर्पित था। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना की ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई पर हर भारतीय को गर्व है। यह शहीद बेटियों को न्याय दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”
कार्यक्रम में हर वक्ता का यही स्वर था कि जब तक आतंकवाद का पूर्ण अंत नहीं हो जाता, तब तक भारत की यह लड़ाई जारी रहेगी। भाजपा नेता अशोक बाठला ने कहा, “भारत आज आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर है। सेना का यह साहसिक अभियान हर नागरिक के दिल में देशभक्ति की नई ऊर्जा भर रहा है।”
भगवा पटका और मां की प्रतिमा से सम्मानित हुए विशेष अतिथि
जागरन के दौरान अतिथियों को भगवा पटका और मां भगवती की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि एक सशक्त संदेश था कि भारत की संस्कृति, उसकी वीरता और आध्यात्मिकता आज भी जीवंत है।
जागरण से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण पहलू
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जागरन स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण और भव्य रूप में संपन्न हुआ।
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महिलाओं और बच्चों की भारी भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि आस्था और राष्ट्रभक्ति हर वर्ग की भावना है।
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देशभक्ति के गीत, जैसे “सारे जहाँ से अच्छा” और “वंदे मातरम्” पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे।
इतिहास और परंपरा का मिलन
शिव चौक पर मां भगवती का यह जागरण वर्ष 2006 से लगातार आयोजित किया जा रहा है। हर साल इसकी भव्यता और महत्ता बढ़ती जा रही है। इस बार जब यह कार्यक्रम राष्ट्रीय भावनाओं से जुड़ गया तो इसका असर और गहरा हो गया।
जागरण का संदेश: आतंकवाद का अंत और आस्था की विजय
कार्यक्रम के समापन पर आचार्य अजय कृष्णा ने कहा, “जब तक आतंक की एक भी चिंगारी बाकी है, तब तक भारत को चैन नहीं लेना चाहिए। मां भगवती की कृपा से आतंकवाद का अंत निश्चित है।”
लोगों ने मोमबत्तियां जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी, और शांति की प्रार्थना की। वहीं युवाओं में सेना में भर्ती होने का जज़्बा साफ़ दिखाई दे रहा था।
अंत में…
इस भव्य जागरण ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत एक धार्मिक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक महाशक्ति है जहाँ आस्था और देशभक्ति दोनों एक ही डोर से बंधे हैं। मां भगवती के जागरण ने लोगों को आस्था के साथ-साथ राष्ट्र प्रेम का संदेश भी दिया।