Muzaffarnagar के जिला कारागार का हाल ही में अपर जिलाधिकारी वित्त, गजेन्द्र कुमार और पुलिस अधीक्षक अपराध, श्रीमती इन्दु सिद्धार्थ द्वारा गहन निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से चलाए जा रहे मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत किया गया। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने न केवल कारागार की सुरक्षा व्यवस्था और स्वच्छता की जांच की, बल्कि वहां निरूद्ध महिला बंदियों से भी मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य, रहन-सहन तथा सुरक्षा के संबंध में जानकारी ली।
महिला बन्दियों से वार्ता और उनकी कुशलता पर ध्यान
निरीक्षण के दौरान, अधिकारियों ने महिला बन्दियों से सीधी बात की और उनकी हालत, उनके मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति के बारे में जानकारी ली। महिला सशक्तिकरण के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का उद्देश्य महिलाओं को पुनर्वास, शिक्षा, और स्वावलंबन के लिए अवसर देना है। इस कार्यक्रम के जरिए महिला बन्दियों को ना केवल अपनी क्षमताओं का आकलन करने का मौका मिल रहा है, बल्कि उन्हें समाज में पुनः स्थिर होने के लिए जरूरी कौशल भी सिखाए जा रहे हैं।
जिला कारागार में सुरक्षा, स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण
अपर जिलाधिकारी वित्त, गजेन्द्र कुमार और एसपी क्राइम, श्रीमती इन्दु सिद्धार्थ ने जिला कारागार की सुरक्षा व्यवस्था का भी कड़ा निरीक्षण किया। इसके अलावा, कारागार में उपलब्ध स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता, चिकित्सा सुविधाएं, और अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर अधिकारियों ने गहन चर्चा की। कारागार में बंदियों के लिए जो बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं, उनका आकलन किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके अधिकारों का पालन किया जा रहा है और उन्हें सही वातावरण मिल रहा है।
अधिकारियों ने कैदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित प्रबंधों का भी अवलोकन किया। इसके अलावा, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए कि कारागार में सभी सुविधाएं गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित हों।
महिला बन्दियों के कौशल विकास और स्वावलंबन की दिशा में पहल
अपर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने महिला बन्दियों द्वारा चलाए जा रहे कौशल विकास कार्यक्रम का भी निरीक्षण किया। इनमें से एक प्रमुख कार्यक्रम सिलाई केन्द्र था, जहां महिला बन्दियां बैग और अन्य उपयोगी सामान बना रही थीं। अधिकारियों ने इन महिलाओं के साथ बातचीत की और उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों का निरीक्षण किया। यह कौशल विकास कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिए एक मजबूत कदम है।
महिला बन्दियों को न केवल सिलाई, बल्कि अन्य कौशल जैसे गणना, बुनाई, और शिल्प आदि में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे कारागार से बाहर आने के बाद अपने जीवन को बेहतर बना सकें।
शिक्षा और पुनर्वास के लिए जरूरी कदम
अपर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने महिला बन्दियों के लिए चलाए जा रहे शैक्षिक और पुनर्वास कार्यक्रमों का भी अवलोकन किया। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए कि इन महिलाओं को शिक्षा, स्वावलंबन और पुनर्वास से जुड़ी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिल सके। इसके लिए नियमित काउंसलिंग सत्र, योग, और मानसिक स्वास्थ्य सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि कौशल विकास कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाया जाए ताकि महिला बन्दियों का जीवन बेहतर हो सके।
अधिकारियों के दिशा-निर्देश और सुधार की प्रक्रिया
अपर जिलाधिकारी वित्त, गजेन्द्र कुमार और पुलिस अधीक्षक अपराध, श्रीमती इन्दु सिद्धार्थ ने महिला बन्दियों की स्थिति सुधारने के लिए कई दिशा-निर्देश दिए। उनका मानना था कि कारागार के भीतर महिलाओं को मानसिक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं दी जानी चाहिए ताकि वे पुनः समाज में शामिल हो सकें और अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकें।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाओं के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को और अधिक मजबूत किया जाए। इसके अलावा, काउंसलिंग और योग कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाए ताकि वे समाज में लौटने के बाद आत्मनिर्भर बन सकें।
सामाजिक सुधार की दिशा में कदम
इस निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने यह भी बताया कि महिलाओं के लिए कारागार के बाहर समाज में समुचित पुनर्वास की योजनाएं तैयार की जा रही हैं। यह योजनाएं महिला बन्दियों को अपने पुराने जीवन में वापस लौटने में मदद करेगी। इस पहल से न केवल उनकी सामाजिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि वे अपने परिवार के लिए भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकेंगी।
जिला कारागार के प्रशासन और अन्य अधिकारियों का योगदान
इस निरीक्षण में जेल अधीक्षक, अभिषेक चैधरी, सिटी मजिस्ट्रेट पंकज प्रकाश राठौर, जेलर नीरज श्रीवास्तव, महिला थाना प्रभारी संगीता डागर और अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई और विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को सही दिशा में मार्गदर्शन किया।
जिला कारागार का यह निरीक्षण महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों से यह प्रतीत होता है कि महिला बन्दियों के जीवन में बदलाव लाने के लिए एक मजबूत और समग्र योजना तैयार की जा रही है। महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत महिला बन्दियों को न केवल शिक्षा और कौशल विकास के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
अपर जिलाधिकारी और एसपी क्राइम का यह निरीक्षण महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जिससे महिला बन्दियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।