मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar)जिला पंचायत की बोर्ड मीटिंग में आज एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया गया जिसने पूरे जनपद को एक नई पहचान देने का रास्ता साफ कर दिया। मीटिंग में वार्षिक बजट पारित करने के साथ ही मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर ‘लक्ष्मीनगर’ करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया। यही नहीं, ‘एक देश, एक चुनाव’ के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को भी पूर्ण समर्थन दिया गया। अब इन प्रस्तावों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द मुजफ्फरनगर को नया नाम मिल सके।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित चौधरी चरण सिंह सभा भवन में हुई बोर्ड मीटिंग में जिला पंचायत के सदस्यों ने जोरदार तरीके से मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग रखी। कुछ सदस्यों ने इसे ‘लक्ष्मीनगर’ नाम देने का सुझाव दिया, जिस पर पूरा सदन एकमत हो गया। सदस्यों का तर्क था कि मुजफ्फरनगर की पहचान मुगलकालीन है, जबकि यह जनपद धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां शुक्रताल (शुकतीर्थ) जैसा प्राचीन धार्मिक स्थल है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ऐसे में इसका नाम मां लक्ष्मी के नाम पर रखना उचित होगा।
72.65 करोड़ का बजट पास, विकास कार्यों को मिली हरी झंडी
मीटिंग में आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 72.65 करोड़ रुपये का बजट भी पारित किया गया। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि पिछले छह महीनों में 46.42 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई है। अब नए बजट के तहत जनपद के विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया जाएगा।
अधिकारियों की गैर-मौजूदगी पर जिला पंचायत अध्यक्ष नाराज
बैठक में कई विभागों के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने साफ कहा कि जो अधिकारी बिना सूचना दिए मीटिंग में नहीं आए, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शासन को भी पत्र लिखा जाएगा।
एक देश, एक चुनाव को भी मिला समर्थन
मीटिंग में केंद्र सरकार के ‘एक देश, एक चुनाव’ प्रस्ताव को भी पूर्ण समर्थन दिया गया। सदस्यों का मानना है कि इससे चुनावी खर्च कम होगा और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार आएगा। इस प्रस्ताव को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजा जाएगा।
कौन-कौन था मौजूद?
बैठक में प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार, सांसद चंदन चौहान, विधायक राजपाल बालियान, सपा सांसद हरेंद्र मलिक के प्रतिनिधि राकेश शर्मा, विधायक पंकज मलिक के प्रतिनिधि ओमकार सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप समेत कई अन्य अधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।
अब क्या होगा आगे?
जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि नाम बदलने और एक देश एक चुनाव के प्रस्तावों को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने की कोशिश की जाएगी।
क्या होगा असर?
अगर मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर हो जाता है, तो यह जनपद की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को नया आयाम देगा। साथ ही, धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है। वहीं, एक देश, एक चुनाव की व्यवस्था लागू होने से राजनीतिक और प्रशासनिक सुधारों को गति मिल सकती है।
नोट: यह खबर जल्द ही चर्चा का केंद्र बनने वाली है। अगर प्रस्ताव मंजूर होता है, तो मुजफ्फरनगर का नया नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा।
(समाचार को और अधिक विस्तार से कवर किया जाएगा। नए अपडेट्स के लिए बने रहें।)