Muzaffarnagar   एसडी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम ने ग्रीन मार्केटिंग को लेकर नई चेतना जगाई। आईक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षकों और छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ व्यापारिक रणनीतियों पर गहन चर्चा हुई, जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।

ग्रीन मार्केटिंग: सिर्फ ट्रेंड नहीं, बल्कि जरूरत

कार्यक्रम की शुरुआत में कॉलेज के प्राचार्य ने ग्रीन मार्केटिंग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आज के दौर में यह सिर्फ एक व्यावसायिक रणनीति नहीं, बल्कि पृथ्वी को बचाने की मुहिम है। उन्होंने बताया कि कैसे बड़ी कंपनियां अब ऐसे उत्पाद बना रही हैं जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे भविष्य में ऐसे बिजनेस मॉडल्स विकसित करें जो प्रकृति और मानवता दोनों के लिए फायदेमंद हों।

क्या है ग्रीन मार्केटिंग? विशेषज्ञों ने समझाया

बीबीए विभागाध्यक्ष ने ग्रीन मार्केटिंग के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ उत्पाद तक सीमित नहीं है, बल्कि पैकेजिंग, सप्लाई चेन और यहां तक कि विज्ञापनों में भी पर्यावरण-अनुकूल तरीके अपनाए जाते हैं। उन्होंने कई बड़े ब्रांड्स के उदाहरण दिए जो ग्रीन मार्केटिंग की वजह से ग्राहकों का भरोसा जीतने में सफल हुए हैं।

छात्रों ने साझा किए अपने विचार

कार्यक्रम में मौजूद छात्रों ने भी ग्रीन मार्केटिंग पर अपने विचार रखे। कई छात्रों ने कहा कि वे भविष्य में ऐसे स्टार्टअप्स शुरू करना चाहते हैं जो पर्यावरण को बचाने में मदद करें। कुछ ने तो यहां तक कहा कि अगर हर कंपनी ग्रीन मार्केटिंग को अपनाए, तो प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं से निपटा जा सकता है।

प्रैक्टिकल केस स्टडीज से समझा ग्रीन मार्केटिंग का असर

छात्रों को ग्रीन मार्केटिंग से जुड़े कई व्यावहारिक उदाहरण भी दिखाए गए। सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण, बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग और रिसाइकिल्ड प्रोडक्ट्स जैसे उदाहरणों ने सभी को प्रभावित किया। छात्रों ने जाना कि कैसे छोटे-छोटे बदलाव बड़े पर्यावरणीय लाभ दे सकते हैं।

कार्यक्रम का समापन, लेकिन संदेश गहरा

अंत में कॉलेज प्राचार्य और विभागाध्यक्ष ने सभी का आभार जताया और कहा कि ग्रीन मार्केटिंग सिर्फ एक अवधारणा नहीं, बल्कि हम सभी की सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपने जीवन में भी इन सिद्धांतों को अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।इस कार्यक्रम ने न सिर्फ छात्रों को नई सोच दी, बल्कि यह भी सिखाया कि व्यापार और पर्यावरण दोनों को साथ लेकर चलना कितना जरूरी है। एसडी कॉलेज की इस पहल की सभी ने सराहना की और आगे भी ऐसे आयोजनों की मांग की।



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