मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) परिषद् शाखा परिवार के सदस्यों द्वारा आज हनुमान मंदिर निकट मनु स्वीट  मुजफ्फरनगर हिंदू शक्ति दल के कांवड़ शिविर में हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य शिवालयों की ओर जाने वाले शिव भक्तों को भोजन प्रसाद खिलाकर किया गया

सेवा कार्य जिसमें मुख्य अतिथि सुभाष चंद्र गुप्ता राजकुमार तायल अचिन कंचल  पवन गोयल और शाखा संरक्षक हर्षवर्धन जैन संस्कृति सप्ताह संयोजकओडी शर्मा  मनीष गर्ग विनीत गुप्ता दीपक गर्ग राजकुमार गर्ग सुखवीर सिंह मनोज शर्मा राहुल कुशवाहा आरके सैनी मनोज गुप्ता राम किशोर मित्तल आशुतोष अग्रवाल हेमंत बिश्नोई अनिल शर्मा राजकुमार गुप्ता पुरुषोत्तम सिंघल अशोक सिंघल डॉ बृजेश आत्रेय बृजमोहन शर्मा विरेन्द्र गर्ग शाखा अध्यक्ष संजय मिश्रा सचिव नवनीत गुप्ता कोषाध्यक्ष नीरज सिंघल महिला संयोजिका का अंजलि गर्ग  व शाखा परिवार की मातृशक्ति और बच्चे उपस्थित रहे

सभी ने सेवा भाव से शिव भक्तों की सेवा की सबके मंगल कामना की प्रार्थना करी अध्यक्ष संजय मिश्रा ने हरिद्वार से लेकर जहां तक जिन भी सामाजिक राजनीतिक सनातन संस्कृति के लोगों द्वारा करोड़ों की संख्या में आने वाले कांवड़ियों की सैवा भोजन चाय नाश्ता दवाईयां ठहरने की साफ-सफाई की सैवा में दिन रात मेहनत करने वाले लोगों को बहुत-बहुत बधाई एवं साधुवाद दिया जोकि निरंतर निःस्वार्थ भाव से भगवान के भक्तो की सैवा में लगे रहते हैं

माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी व प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस प्रशासन व पत्रकार बन्धुओं  व नगर पालिका परिषद के सभी लोगों को भी बहुत-बहुत बधाई एवं साधुवाद जोकि कांवड़ यात्रा सकुशल संपन्न कराने में निरंतर मेहनत कर रहे हैं संजय मिश्रा ने भगवान शिव भक्तों से एक अपील करते कि कुछ असामाजिक लोग आप लोगों को उकसा कर गुस्सा दिलवाते हैं अतः अपने स्वविवेक से शान्ति बनाकर अपनी कांवड़ यात्रा पुर्ण करें ईश्वर आप सबकी मनोकामना पूर्ण करेंगे। 

शिव बस नाम ही काफी है-संजीव शंकर

मुजफ्फरनगर। कलयुग में जब व्यक्ति के पास बड़े-बड़े अनुष्ठान, मंत्र, जप, ध्यान इत्यादि का समय नहीं होगा तब भगवान के नाम का स्मरण ही कल्याण का साधन रहेगा,  महामृत्युंजय सेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव शंकर ने बताया कि शिव पुराण की विधश्वेर संहिता में शिव नाम का विस्तार से वर्णन किया गया है, शिव नाम में ष्शष्कार का अर्थ है आनंद, ‘इ’ कार का अर्थ है पुरुष एवं ‘व’ कार का अर्थ है अमृत स्वरूप शक्ति, इन सब का सम्मिलित रूप ही शिव है, जिसमें समस्त जगत समाहित है इसके अलावा और कुछ भी नहीं है। जन्म मरण का द्वंद भगवान शिव के अधीन माया चक्र से बना है निरंतर शिव में मन लगाए रखने से जीव माया के चक्र के जन्म-मरण द्वंद से मुक्त हो जाता है, वह जब तक शरीर रहता है तब तक क्रिया के अधीन रहता है,वह  जीव ष्जीव बद्धष् या जीवोन्मुक्त कहलाता है, इसलिए शिव का वंदन किया करो बस शिव शिव ही कहा करो, शिव जरूर कृपा करेंगे।



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