मुजफ्फरनगर | कारगिल विजय दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया एंटी करप्शन कमेटी द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम Muzaffarnagar गांधी कॉलोनी स्थित पंजाबी बारात घर के वीर हकीकत राय कक्ष में आयोजित हुआ, जिसमें कारगिल विजय दिवस की सिल्वर जुबली को पूर्व सैनिकों के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर गांधी कॉलोनी बारात घर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार अरोड़ा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के इस पावन अवसर पर, कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह दिन न केवल भारत की विजय के प्रतीक के रूप में बल्कि उन वीर जवानों की स्मृति में भी मनाया गया जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
कार्यक्रम का उद्देश्य और आयोजन
कार्यक्रम के दौरान, ऑल इंडिया एंटी करप्शन कमेटी ने कई पूर्व सैनिकों को शाल उड़ाकर और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले प्रमुख नामों में हीरालाल कौशिक, वेद प्रकाश, वारंट ऑफिसर ठाकुर उदय नारायण सिंह, सूबेदार हरिओम शर्मा आदि शामिल थे। इस अवसर पर बोलते हुए, कमेटी के सहायक राष्ट्रीय महासचिव राजकुमार ने कहा कि वर्तमान में भारत की जनसंख्या 145 करोड़ के करीब है, जिसमें केवल 14 लाख की फौज है। यह कुल आबादी का एक प्रतिशत से भी कम है, फिर भी हमारे वीर जवान देश की रक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।
प्रदेश अध्यक्ष विश्वदीप गोयल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देशवासियों को चाहिए कि वे अपने सैनिकों के लिए जो भी संभव हो, करें। इस अवसर पर पंडित मनसुख शर्मा, राकेश ढींगरा, रघुनाथ, कमल गोयल, मनोज गुप्ता, उमेश वर्मा, रविंद्र, हिमांशु कौशिक, अमित पटपतिया (सभासद) सहित अनेक सभ्रांत नागरिक भी मौजूद थे।
कारगिल युद्ध: एक संक्षिप्त इतिहास
कारगिल युद्ध, जो मई से जुलाई 1999 के बीच लड़ा गया था, भारतीय सेना की वीरता और साहस की अनूठी मिसाल है। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने ऊंचाई पर स्थित पाकिस्तानी घुसपैठियों को हराकर भारत की भूमि को पुनः प्राप्त किया। कारगिल की बर्फीली चोटियों पर लड़ी गई इस युद्ध में, भारतीय सेना ने अपने अद्वितीय साहस और रणनीति का प्रदर्शन किया। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने 527 से अधिक शहादतें दीं और 1,300 से अधिक घायल हुए।
शहीदों की अमर गाथा
कारगिल युद्ध के दौरान हमारे सैनिकों ने जो बलिदान दिया, वह हमारे दिलों में सदैव अमर रहेगा। कैप्टन विक्रम बत्रा, जिन्हें “शेरशाह” के नाम से जाना जाता है, ने अपने साहस और वीरता का अद्वितीय प्रदर्शन किया। कैप्टन सौरभ कालिया, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडेय, नायक दीपक लोहिया, लेफ्टिनेंट कर्नल विष्णु स्वरूप और कई अन्य वीरों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की। इनके बलिदान ने पूरे देश को गर्वित किया और यह सुनिश्चित किया कि भारत की सीमाएं सुरक्षित रहें।
सैनिकों के प्रति सम्मान और समर्थन
कारगिल विजय दिवस का यह आयोजन न केवल हमारे शहीदों के प्रति सम्मान का प्रतीक है बल्कि वर्तमान सैनिकों के प्रति समर्थन और कृतज्ञता व्यक्त करने का भी अवसर है। भारतीय सेना का प्रत्येक जवान, जो दिन-रात देश की रक्षा में तैनात है, हमारे सम्मान का पात्र है। हम सबका कर्तव्य है कि हम अपने सैनिकों के प्रति सच्ची कृतज्ञता व्यक्त करें और उनकी हर संभव सहायता करें।
देशवासियों का कर्तव्य
हमारे सैनिक, जो सर्दी-गर्मी, बारिश-बर्फबारी हर मौसम में देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका सम्मान करें और उनकी सहायता के लिए तत्पर रहें। चाहे वह सैनिकों के परिवारों की मदद हो, या फिर सैनिकों के पुनर्वास के लिए योगदान देना हो, हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए।
कारगिल विजय दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम हमारे सैनिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे वीर जवानों ने किस तरह अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की। हमें गर्व है अपने सैनिकों पर और हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूल सकते। आइए, हम सब मिलकर उनके सम्मान और सहायता के लिए हर संभव प्रयास करें और उनके अद्वितीय बलिदान को सदैव स्मरण रखें।